देहरादूनःउत्तराखंड में इस समय प्रदेश की सबसे बड़ी रेल परियोजना ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य जारी है. ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल मार्ग का जिक्र कभी कागजों में हुआ करता था, जो अब हकीकत में बनकर तैयार हो रहा है. इस परियोजना के पूरा होते ही उत्तराखंड के पहाड़ों में विकास की 'ट्रेन' भी गति पकड़ेगी.
रेलमार्ग परियोजना के महत्वपूर्ण 10 दिन: साल 2019 से जारी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के कार्यों में सबसे अहम पहाड़ों के अंदर से गुजरने वाली टनल का कार्य है. इन टनल में से एक 8 अक्टूबर 2023 को रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) और कार्यदायी संस्था नवयुगा इंजीनियरिंग ने कीर्तिनगर से लक्ष्मोली के बीच तीन किलोमीटर की टनल को भी सफलतापूर्वक एक सिरे से दूसरे सिरे तक मिला दिया है. इसी महीने 2 अक्टूबर को भी श्रीकोट से स्वीत तक का टनल का कार्य भी पूरा किया गया. लिहाजा 10 दिन के भीतर आरवीएनएल और कार्यदायी संस्था ने दो महत्वपूर्ण सुरंग का ब्रेकथ्रू किया.
6 सुरंग की खुदाई का काम पूरा: अभी श्रीनगर में ही लगभग 6 किलोमीटर सुरंग की खुदाई का काम भी पूरा कर लिया गया है. जिसकी रिपोर्ट जल्द ही आरवीएनएल सार्वजनिक करेगा. रेल मार्ग से जुड़े अधिकारियों की मानें तो यह काम इतनी तेजी से चल रहा है कि हर 15 से 20 दिन बाद बेहद अत्याधुनिक तरीके से सुरंग का काम कंप्लीट किया जा रहा है. परियोजना के तहत एक सुरंग से दूसरी सुरंग को लगातार जोड़ा जा रहा है.
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परियोजना की खासियत: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग के 125 किमी में से 105 किमी का मार्ग पहाड़ी क्षेत्र में सुरंग के अंतर्गत है. अब तक भारत में इतनी लंबी सुरंग रेल मार्ग कहीं भी तैयार नहीं की गई है. ऐसे में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक का 80 फीसदी से ज्यादा का सफर टनल के अंदर से ही होकर गुजरेगा. पूरे प्रोजेक्ट के तहत 17 सुरंग, 12 स्टेशन और 35 पुलों का निर्माण किया जा रहा है. रेलवे अधिकारियों की मानें तो रोजाना लगभग 100 किलोमीटर के दायरे में खुदाई और टनल का काम किया जा रहा है. यह परियोजना लगभग 125 किलोमीटर की होगी.
दो से ढाई घंटे का सफर:परियोजना की खास बात भी है कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 80 एंट्री प्वाइंट दिए जाएंगे. ताकि यात्रियों और स्थानीय निवासियों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े. इतना ही नहीं, आपातकाल की स्थिति में भी इन गेट का प्रयोग किया जा सकेगा. बताया जा रहा है कि अब तक 40 से ज्यादा एंट्री प्वाइंट का निर्माण पूरा कर लिया गया है. अभी ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक जाने के लिए सड़क मार्ग से लगभग 7 घंटे का वक्त लगता है. लेकिन इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद मात्र दो से ढाई घंटे में ये सफर सिमट जाएगा.