ऐतिहासिक कारगिल युद्ध के 21 साल: क्या हम भूल गए शहीदों के परिवार से किए वादे?
कारगिल की लड़ाई में पाकिस्तानी घुसपैठ से अपने अदम्य साहस के बल पर लड़ने वाले शूरवीरों में बिहार के कई सपूत भी शामिल थे. जिन्होंने मां भारती के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देकर अपनी मातृभूमि की रक्षा का फर्ज अदा किया. ऑपरेशन विजय के तहत 60 दिनों तक चली जंग में बिहार रेजिमेंट के सैनिकों ने भी दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे.आज से ठीक 21 साल पहले 26 जुलाई को कारगिल फतह कर सैनिकों ने तिरंगा लहराया था. कारगिल युद्ध में बिहार में पले-बढ़े 18 वीर जवानों ने सर्वोच्च बलिदान देकर अहम भूमिका निभाई थी. इन महावीर योद्धाओं में एक नाम मुजफ्फरपुर के मड़वन प्रखंड के फंदा निवासी नायक सुनील कुमार का भी है. जिन्होंने कारगिल विजय में अहम भूमिका निभाई थी. जवान सुनील कुमार का जन्म 15 मार्च 1969 को हुआ था. उन्होंने एक पारा कमांडो के तौर पर अपनी यूनिट के साथ कारगिल की पहाड़ियों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों से लोहा लिया था. कारगिल विजय से ठीक 3 दिन पहले 23 जुलाई 1999 को सुनील कुमार शहीद हो गए थे.
Last Updated : Jul 26, 2020, 11:34 PM IST