पूर्णिया के धमदाहा में ईटीवी चौपाल, बोले- सुशांत केस में सरकार की चुप्पी पर नाराजगी
पूर्णिया: तीसरे चरण में 7 नवंबर को जिले के सभी 7 सीटों के लिए वोट डाले जाने हैं. लिहाजा मतादान से ठीक पहले क्या है इस बार के चुनावी मुद्दे साथ ही क्या कहता है वोटरों का मिजाज, इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम धमदाहा विधानसभा क्षेत्र पहुंची. जहां ईटीवी भारत के चुनावी चौपाल में लोगों ने सियासी समर 2020 के चुनावी मुद्दे रखें. दरअसल 1952 में अस्तित्व में आया धमदाहा विधानसभा सीट पर जदयू से विधायक लेसी सिंह का कब्जा है. ये पूर्व में समाज कल्याण सह आपदा मंत्री का पद संभाल चुकी हैं. वे इस सीट से लगातार 4 टर्मों से जीत रही हैं. सन 2000 अब तक वे इस सीट से जीतती आ रही हैं. वहीं 5वीं बार भी बतौर एनडीए प्रत्याशी वे जदयू की टिकट से चुनावी मैदान में हैं. हालांकि इस बार उनकी राहें थोड़ी मुश्किल है. महागठबंधन के दिलीप यादव के अलावा रालोसपा के रमेश कुशवाहा भी उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं. यह सीट कई मायनों में अहम है. 1952 में इस सीट से पहली बार लक्ष्मी नारायण सुधांशु एमएलए चुनकर सामने आए. 1957 में पहली बार भोला पासवान शास्त्री विधायक बने, जिन्हें बिहार का पहला दलित मुख्यमंत्री बनने के साथ ही 3 बार मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. वहीं यह विधानसभा क्षेत्र राज्य का इकलौता क्षेत्र है. जहां से एक नहीं बल्कि दो व्यक्ति विधानसभा के अध्यक्ष पद को सुशोभित हुए. इसके बावजूद इस इलाके में औधोगिक विकास क्रम काफी पीछे है. इस बाबत अपनी बात रखते हुए लोगों में धमदाहा विधानसभा क्षेत्र के मूल निवासी अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस में सरकार की चुप्पी को लेकर एनडीए से भारी नाराजगी है. वहीं ईटीवी चौपाल कार्यक्रम में लोगों ने इस क्षेत्र को पुलिस जिला बनाए जाने की मांग रखी. मक्का, मखाना और केले की बहुतायत में खेती होने के कारण इस बार इनके प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की मांग प्रमुख चुनावी मुद्दा बनकर सामने आया है. अब तक सिंचाई व्यवस्था सुदृढ नहीं हो सकी है. औद्योगिक विकास यहां की बड़ी समस्या है.