पूर्णिया: वरदान साबित हो रहा मछली पालन की केज कल्चर तकनीक, मछुआरों को मिल रहा रोजगार
पूर्णिया: जिले में नीली क्रांति योजना के तहत जल स्रोतों के सदुपयोग की अनूठी पहल की शुरुआत की गई है. मछली पालन में जिले को अग्रणी बनाने की दिशा में जिला प्रशासन ने दरियापुर गांव से लगे चंदेश्वरी जलकर को केज कल्चर की नवीनतम तकनीक से जोड़ा है. यहां केज कल्चर के तहत एक एकड़ में मत्स्य पालन किया जा रहा है.मछुआरों की घनी आबादी वाले दरियापुर गांव में जल के अधिक स्त्रोत होने से मछली पालन की असीम संभावनाएं हैं. जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर स्थित डगरूआ प्रखंड का दरियापुर ऐसा गांव है. जहां मत्स्य पालन के लिए केज कल्चर की नवीनतम तकनीक को इस्तेमाल में लाया गया है. डीएम राहुल कुमार और मत्स्य विभाग की यह कवायद पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर देखी जा रही है. ग्रामीणों की मानें तो लॉकडाउन जैसी विषम परिस्थिति से उबारने में केज कल्चर उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है.