पश्चिमी चंपारण: सूबे की पुलिस हमेशा अपनी कारगुजारियों की वजह से चर्चा में रहती है. ऐसा ही कुछ मामला जिले के रामनगर थाना का है, जहां कोर्ट ने एक व्यक्ति को स्थायी वारंट निर्गत किया था. बावजूद इसके वह गिरफ्तार नहीं हो सका और 3 साल से लगातार नगर निगम में अपनी ड्यूटी कर वेतन उठा रहा है.
नगर पंचायत में कार्यरत बड़ा बाबू कृष्ण सिंह नेपाली पर जिला सत्र न्यायालय के एडीजे 2 बगहा द्वारा तीन वर्ष पूर्व एक मामले में स्थायी वारंट निर्गत किया गया. बावजूद इसके वो तीन वर्षों से लगातार नगर पंचायत में अपनी ड्यूटी करता आ रहा है.
पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
खास बात यह है कि वह आज तक पुलिस प्रशासन के हाथ नहीं लगा. बहरहाल यह मामला आम लोगों में चर्चा का विषय तो बना ही हुआ है. पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं. आखिर वारंटी को विगत 3 वर्षों से पुलिस किन हालातों की वजह से नहीं पकड़ पाई.
क्या है मामला
बता दें कि वारंटी बड़ा बाबू पर रामनगर थाना कांड संख्या 216/98 में एक मुकदमा दर्ज हुआ. जिसके 8 वर्ष बाद जिला सत्र न्यायालय के एडीजे द्वारा STR 470/03 के तहत 15 जून 2016 को स्थायी वारंट निर्गत किया गया.
पूर्व उप चेयरमैन का बयान
वारंटी बड़ा बाबू का निवास स्थान भी थाना के ठीक बगल में है. ऐसे में रामनगर के नगर पंचायत की पूर्व उप चेयरमैन का कहना है कि उनको भी जानकारी मिली है कि विभाग के बड़ा बाबू पर 3 साल से वारंट निर्गत है फिर भी आज तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. ये प्रशासन पर सवाल खड़े करता है.
उप महापौर, वरिष्ठ वकील और ईओ का बयान ईओ जितेंद्र कुमार ने क्या कहा
वहीं बगहा बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश दुबे का कहना है कि न्यायालय के आदेश को पुलिस प्रशासन ने ताक पर रख कानून का मखौल उड़ाया है. हालांकि रामनगर पंचायत के ईओ जितेंद्र कुमार सिन्हा का कहना है कि इस बात की जानकारी उन्हें मीडिया के माध्यम से मिली है. अब जांच पड़ताल कर कार्रवाई की जाएगी.