बगहा के पिपरा पिपरासी तटबंध पर खतरा बगहा: गण्डक नदी की बदलती धारा और बढ़ता जलस्तर एक बार फिर दियारावर्ती इलाके के लोगों के लिए भय और चिंता का कारण बन गया है. दरअसल यूपी बिहार की लाइफ लाइन पिपरा पिपरासी तटबंधस्थित बांध के 5 मीटर करीब आकर नदी इस समय भीषण कटाव कर रही है. लगातार स्पर कटकर गिर रहे हैं, इस भयावह तस्वीरों को देख ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है.
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गण्डक नदी में हो रहा तेज कटाव :बीते एक महीने से बांध के करीब फ्लड फाइटिंग वर्क तेज गति से किया जा रहा है, लेकिन नदी यू टर्न लेकर कटोरानुमा धारा बना चुकी है और कहर ढा रही है. बताया जा रहा है कि पश्चिम चंपारण ज़िले के गंडक पार मधुबनी प्रखंड अंतर्गत गदियानी टोला में सोमवार की रात से ही कटाव तेज हो गया है. गंडक नदी ने फिर एक बार रौंद्र रूप धारण कर लिया है, जिससे कई बीघा जमीन पर किसानों के खेतों में लगे फसल व पेड़ पौधे तेज़ी के साथ नदी में विलीन हो रहे हैं.
'नाकाम साबित हो रहे बचाव कार्य': जल संसाधन विभाग द्वारा कराया गया बचाव कार्य भी नदी की खतरनाक धारा में धराशाई होता जा रही है. बात अगर गण्डक नदी के जलस्तर की करें तो सोमवार को 45 हज़ार से 55 हज़ार क्यूसेक पानी का बहाव और मंगलवार को 75 हज़ार क्यूसेक डिस्चार्ज के बाद यहां अफरा-तफरी मची है. ग्रामीणों और किसानों के मुताबिक जल संसाधन विभाग द्वारा कराए जा रहे बचाव कार्य नाकाफी और नाकाम साबित हो रहे हैं.
"10 एकड़ जमीन अब तक कट चुकी है, हमारे सामने ही 20 मीटर जमीन अभी कटी है, जितनी तेजी से बहाव हो रहा है, उससे लगता है कि यहां कुछ भी नहीं बचेगा सब कुछ नदी की धार में बह जाएगा. बचाव के लिए जो काम हुआ है वो सार्थक नहीं है. हमलोग काफी डरे हुए हैं. कभी भी तटबंध पूरी तरह बह जाएगा"-प्रिंस कुमार, स्थानीय ग्रामीण
नदी के कटाव में बहते किनारे नदी तट पर कराया गया था हवनः वहीं, कल यहां नदी तट पर पूजा अर्चना, हवन और गंगा आरती जैसे टोटके भी किए गए थे. जो अब काम नहीं आ रहे हैं. लिहाजा दियारावर्ती इलाके के लोगों की नींद उड़ गई है. और लोगों को यह आशंका सता रही है की कुछ ही पलों में कहीं उनका आशियाना ना उजड़ जाए. यहीं वजह है कि गदियानी के भयभीत ग्रामीण और किसान सरकार और प्रशासन से बचाव को लेकर गुहार लगा रहे हैं.