बगहा: कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए सरकार के आदेश पर गांव के सभी सरकारी स्कूलों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. इन केन्द्रों पर में क्वॉरेंटाइन कर रखे गए लोगों को सभी जरुरी सुविधा देने का जिला प्रशासन ने निर्देश दिया है. वहीं बगहा के नरवल पंचायत अंतर्गत गांव के स्कूल में बने क्वारेंटाइन सेंटर में कुव्यवस्था का मामला सामने आ रहा है.
नरवल पंचायत के इस विद्यालय में 15 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है. लेकिन इनके लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों का कहना है कि यहां सोने के बिस्तर से लेकर खाना तक सभी वस्तुएं वो अपने घर से मंगा रहे हैं. विद्यालय के आसपास सेनेटाइजर का छिड़काव नहीं हुआ है और ना ही साफ सफाई की गई है. राजकीय मध्य विद्यालय में 14 प्रवासी मजदूर रह रहे हैं. इसमें एक महाराष्ट्र, 7 जयपुर और 6 केरल से लौटे हुए हैं.
नहीं मिल रही कोई मदद
जयपुर से लौटे प्रवासी मजदूर गयासुद्दीन का कहना है कि विगत 15 दिनों में महज एक बार पंचायत के मुखिया रामचंद्र सिंह ने भोजन व अन्य जरूरत की चीजों के लिए 2000 रुपए दिया. इसके अलावा कोई अबतक देखने भी नही आया है. साथ ही यहां रह रहे सभी प्रवासी मजदूर बिस्तर, मच्छरदानी, साबुन, सर्फ एवं खाना इत्यादि की व्यवस्था अपने घरों से मंगा कर कर रहे हैं. गयासुद्दीन का यह भी कहना है उसके कई साथियों को बगहा के नरईपुर हाईस्कूल में रखा गया है. वहां प्रशासन द्वारा बाल्टी, बेड , साबुन, थाली इत्यादि सभी जरूरत की वस्तुएं मुहैया कराई गई हैं.
प्रशासन के खिलाफ नाराजगी
इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में केरल से लौटे 6 प्रवासी मजदूर रह रहे हैं. केरल से आए राजकुमार का कहना है कि इन सभी लोगों ने मुखिया से सम्पर्क साधने की कोशिश की लेकिन मुखिया लगातार आना-कानी कर रहे हैं. ऐसे में इनलोगों ने घर से जरूरत की वस्तुएं मंगाई. यहां रह रहे लोगों में प्रशासन के खिलाफ काफी नाराजगी देखी जा रही है. लोगों का कहना है कि व्यवस्था नहीं मिलने के बावजूद हम लोग क्वॉरेंटाइन सेंटर से नही भाग सकते हैं क्योंकि इनपर मुकदमा हो जाएगा. लोगों ने जिला प्रशासन से इस केन्द्र का निरीक्षण करने का अनुरोध किया है.