पश्चिम चंपारण: लॉकडाउन के इस सन्नाटे में जंगली जानवर में जंगल से बाहर निकल कर घूम रहे हैं. ऐसी तस्वीरें कई शहरों से सामने आई. ये तस्वीर बगहा की है जहां एक बाघ ने सरेराह अपना डेरा जमा लिया है और कई लोगों का शिकार कर चुका है.
बाघ को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन बिहार के बगहा वीटीआर जंगल से भटके इस बाघ का सर्च ऑपरेशन जारी है. लॉकडाउन में बीते कई दिनों से बाघ गांव में डेरा डाले हुए है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. इस घटना से वन विभाग की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. ग्रामीणों के मुताबिक, जंगल से भटके आदमखोर बाघ ने घात लगाकर अब तक चार लोगों को जख्मी कर दिया है. वहीं, बाघ की चहलकदमी और हमले की दहशत से एक युवक की मौत मसान नदी में डूबने से हो गई.
बाघ को जंगल में भगाने की कोशिश घायलों का चल रहा इलाज
चार घायलों में से तीन का इलाज उपस्वास्थ्य केंद्र रामनगर और एक का गवर्नमेंट अस्पताल बेतिया में चल रहा है. फूटप्रिंट के आधार पर अंदेशा लगाया जा रहा है कि बाघ रामनगर के सपही इमरती कटहरवा गांव के आसपास डेरा डाले हुए है, जिससे ग्रामीणों को हर वक्त जानमाल के नुकसान की चिंता सता रही है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के डीएफओ अंबरीश मल्ल इसकी निगरानी में जुट गए हैं.
पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा
बाघ ने गांव के बाहर बैठे लोगों पर जब हमला किया तो आशंका जताई जा रही थी कि यह हमला तेंदुए ने किया है, जबकि अब पगमार्क से स्पष्ट हो गया है कि हमला बाघ ने किया था. बहरहाल, टाइगर टेकर और वनकर्मी बाघ को सुरक्षित जंगल की ओर भगाने में जुटे हैं ताकि आगे कोई अप्रिय घटना न घटे. इसके साथ ही वन विभाग की ओर से घायलों को राहत और मुआवजे की भी घोषणा की गई है.