बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Fire In VTR: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल में लगी भीषण आग, धू-धूकर जल रहा सदाबहार वन - वीटीआर के जंलग में लगी आग

बगहा के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल में भीषण आग लग गई है. आग के कारण जंगल के बड़े भू भाग में आग फैल गई है. आग लगने की सूचना मिलने के बाद वनकर्मी मौके पर पहुंचकर आग को बुझाने में जुटे हुए हैं. हालांकि, अभी तक सफलता नहीं मिली है. आग कैसे लगी है, इसका पता नहीं चल पाया है.

वीटीआर के जंगल में लगी आग
वीटीआर के जंगल में लगी आग

By

Published : May 9, 2023, 11:03 PM IST

बगहा:पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में स्थितवाल्मीकि टाइगर रिजर्व (Valmiki Tiger Reserve) अंतर्गत मदनपुर वन क्षेत्र के कक्ष संख्या 9 में आग लगने से जंगल का बड़ा भूभाग धू-धू कर जल रहा है. बगहा-वाल्मीकि नगर पथ के किनारे मदनपुर वन क्षेत्र के जंगल में यह आग लगी है. आग लगने से अफरा-तफरी मच गई है. हालांकि, सूचना मिलने के बाद वनकर्मी मौके पर पहुंचे. लेकिन आग बुझाने में सफलता नहीं मिली है.

ये भी पढे़ं- Bagaha VTR: वन में आग लगने की घटना से बचने के लिए विभाग तैयार, फायर वॉचमैन की तैनाती

वीटीआर के जंलग में लगी आग: चिलचिलाती गर्मी में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई है. मदनपुर वन क्षेत्र के हरदिया चांती स्थित कक्ष संख्या 9 में आग लगने से सदाबहार जंगल धू धू कर जल रहा है. अनुमान है की कई एकड़ जंगल के क्षेत्र तक धीरे-धीरे यह आग फैल गयी है. जिससे वनकर्मियों को आग बुझाने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा है. बता दें की गर्मी की आहट के साथ ही वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती है.

आग बुझाने में वनकर्मी नाकाम: टाइगर रिजर्व के अलग-अलग हिस्सों में आए दिन आग लगती रहती है. अब तक दर्जनों मर्तबा आग लग चुकी है. आग लगने के बाद आसपास के इलाकों में उसका राख उड़कर गिरने लगता है. इसके अलावा आग की वजह से तापमान भी गर्म हो जाता है. जिससे लोगों में बेचैनी बढ़ जाती है. बता दें की वन विभाग के पास फिलहाल आग पर काबू पाने का कोई समुचित संसाधन नहीं है. जिसके कारण झाड़ियों के सहारे ही आग बुझाई जाती है.

आग बुझाने का नहीं है साधन: वैसे तो वन विभाग को आग लगने के कारणों की जानकारी नहीं है. लेकिन प्रत्येक साल जंगल में आग लगने की घटनाएं घटती है. माना जाता है की जंगल में मवेशी चराने वाले चरवाहों द्वारा बीड़ी या सिगरेट जलाकर फेंकने की वजह से सुखी पत्तियों में आग लग जाती है और फिर यह विकराल रूप ले लेता है. इतना ही नहीं नया हरा चारा के लिए भी मवेशी पालकों द्वारा जंगल में आग लगाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details