बेतिया:बिहार में पैक्स केंद्रों के माध्यम से धान खरीद को लेकर सरकार भले ही गंभीर दिख रही हो, लेकिन बगहा में जमीनी हकीकत कुछ और ही है. किसानों का आरोप है कि विभाग एक तरफ सुस्त रफ्तार से धान की अधिप्राप्ति करा रहा. तो वहीं, दुसरी तरफ सिर्फ कागजों में ही खरीदारी का दावा किया जा रहा है.
पश्चिमी चंपारण जिला को धान का कटोरा कहा जाता है. ऐसे में यहां धान की पैदावार अधिक मात्रा में होती है और इसी के बलबूते ज्यादातर किसान धान की बिक्री कर अपने बाल बच्चों की पढ़ाई और बेटियों के हाथ पीला करने पर निर्भर रहते हैं. ऐसे में कई किसानों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन करा कर काफी समय से धान बेचने का इंंतजार कर रहे हैं. लेकिन धान की खरीद नहीं हो पा रही है.