पश्चिम चंपारण: जिले की सतवरिया गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर फसल मुआवजे की मांग की है. दरअसल 2017 में आई प्रलयकारी बाढ़ ने कई स्थानों पर नहरों को ध्वस्त कर दिया था. जिसको लेकर कई बार शिकायत की गई. लेकिन मरम्मत नहीं होने से अब नहर में एकाएक पानी आने से सैकड़ों एकड़ गेहूं और मसूर की फसल बर्बाद हो गयी.
2017 में आयी थी भीषण बाढ़
सतवरिया गांव के किसानों ने जिलाधिकारी से फसल मुआवजे की मांग की है. किसानों ने बताया कि 2017 में भीषण बाढ़ से नहर जगह-जगह कट गयी थी. जिसकी शिकायत नहर विभाग के अधिकारियों से की गयी थी. लेकिन उसके बाद भी ध्वस्त पड़ी नहर की मरम्मती नहीं की गई. ध्वस्त पड़ी नहर में एकाएक पानी छोड़ दिया गया. जिससे खेतों में लगी सैकड़ों एकड़ गेहूं और मसूर की फसल पानी लगने से बर्बाद हो गयी.