बेतियाः बिहार में बाढ़ की विभीषिका ने जिले की पूरी खेती को चौपट कर दी हैं. जिले के कई प्रखंड और लाखों की आबादी बाढ़ की चपेट में हैं. जिलें के प्रखंडों में लगी धान की फसल बर्बाद हो गयी है. ऐसे में किसान अब जब खेत गये हैं, तो अपनी फसलों पर यूरिया को लेकर तरस रहे हैं. कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन में उन्हें यूरिया नहीं मिल रही है.
यूरिया को लेकर किसान हलकान
किसानों का कहना है एक तो कोरोना की मार हम झेला रहे थे. वहीं दूसरी तरफ बाढ़ की मार और अब यूरिया नहीं मिल पा रही है कि जो फसल बचे हुए हैं, उन पर छिड़काव कर उन फसलों को बचाया जा सके. बैंकों का कर्ज जो है, वो अलग है. कर्ज लेकर खेती की गई, अब कर्ज चुकाने के लिए भी फसल नहीं बचे है कि फसल को बेचकर कर्ज चुकाया जा सके.
यूरिया की हो रही कालाबाजारी
बाढ़ से हुए फसलों का नुकसान और जिले में हो रही यूरिया की किल्लत से किसान हलकान है. जिले में हो रही यूरिया की किल्लत व कालाबाजारी की शिकायत लेकर लौरिया से बीजेपी विधायक विनय बिहारी जिला कृषि पदाधिकारी से मिलने पहुंचे और उन्होंने यूरिया की हो रही कालाबाजारी को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी को लिखित आवेदन दिया. लौरिया विधायक विनय बिहारी का कहना है कि जिले में यूरिया की कालाबाजारी हो रही है. यूरिया के निर्धारित मूल्य से दोगुना वसूला जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर जिले में पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध हो जाए, तो कालाबाजारी पूरी तरह से बंद हो जाएगा.
दोषियों पर होगी कार्रवाई
जब जिला कृषि पदाधिकारी विजय प्रकाश से जिले में बाढ़ के कारण किसानों की हो रही फसल बर्बादी पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि बाढ़ से जिन किसानों के फसलों का नुकसान हुआ है उसका सर्वेक्षण किया जा रहा है. उसे इकट्ठा कर सरकार को भेजा जाएगा. इस पर जो भी दिशा निर्देश मिलेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं जब यूरिया के कालाबाजारी पर जिला कृषि पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि फर्स्ट पेज में हमारे जिले में यूरिया नहीं आ पाई थी. अब जिले में पर्याप्त मात्रा में यूरिया आ चुका है. अब किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी.
बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि जिले में जो फसलों का नुकसान हुआ है, उसकी रिपोर्ट जिले से मांगी गई है. उस रिपोर्ट को कैबिनेट में ले जाया जाएगा. उसके बाद आपदा प्रबंधन के माध्यम से किसानों के खाते में पैसा भेजा जाएगा.