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बगहा में बेमौसम कटाव से दहशत में लोग, शहर बचाने को युद्धस्तर पर काम शुरू

Unseasonal erosion in Bagaha बगहा में बेमौसम हो रहे कटाव ने शहरवासियों की चिंता बढ़ा दी है. गण्डक नदी की धारा बीते कुछ दिनों से रिहायशी इलाके की तरफ मुड़ गई है. जल संसाधन विभाग ने तत्काल एक्शन मोड में आकर एंटी रोजन कार्य शुरू कर दिया है. बावजूद लोग संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं.

बगहा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 24, 2023, 4:10 PM IST

बगहा में कटाव से बढ़ी चिंता.

बगहा: बरसात के दिनों में बाढ़ और कटाव आम बात है. लेकिन, बगहा में जाड़े के मौसम में कटाव हो रहा है. इस कटाव से लोगों में दहशत है. बगहा शहर गंडक नदी किनारे बसा हुआ है. विगत कुछ दिनों से नदी की धारा ने टर्न ले लिया है. तेजी से कटाव हो रहा है. नदी की धारा एक माह पहले तक शहस्त्रीनगर मुहल्ले के घरों से 100 मीटर की दूरी पर थी. 15 दिनों के अंदर कटाव लोगों के घरों तक आ गई. लोग पक्के बांध निर्माण की मांग कर रहे हैं.

स्थानीय लोगों में नाराजगीः स्थानीय लोगों का कहना है कि सिर्फ बोरियों में बालू भरकर और जियो बैग का बेड बनाकर कटाव को नहीं रोका जा सकता है. शहर को बचाने के लिए नदी किनारे बोल्डर पिचिंग कराना होगा, नहीं तो हफ्ते भर में कई घर नदी के आगोश में समा जाएंगे. गोविंद कुमार का कहना है कि विधायक, सांसद या मंत्री सभी दिलासा देते हैं कि पक्का निर्माण कराकर शहर को कटाव से बचा लिया जाएगा. लेकिन बालू की बोरियां भरकर झांसा दिया जाता है.

बगहा में हो रहा कटाव.

राहत कार्यों में जुटा विभागः वहीं दूसरी तरफ जल संसाधन विभाग की टीम बचाव राहत कार्यों में जुटा है. सहायक अभियंता एस के प्रभाकर ने बताया कि यह पहली बार हुआ है जब जाड़े के मौसम में कटावरोधी कार्य कराया जा रहा है. अमूमन फरवरी मार्च माह से मानसून पूर्व बाढ़ कटाव राहत कार्य कराए जाते हैं. कटाव की वजह से नदी बिलकुल लोगों के घरों तक आ गई है.

"विभाग ने तत्काल एक्शन लेते हुए शीघ्र टेंडर कराया. तीन दिन पहले से कटावरोधी कार्य शुरू किए गए हैं. 240 मीटर तक जियो बैग बेड लगाना है. जबकि 1305 मीटर तक बोल्डर पिचिंग का कार्य करना है. इसके लिए विभाग ने 10 करोड़ 18 लाख राशि निर्गत की है."- एस के प्रभाकर, सहायक अभियंता, जल संसाधन विभाग

कटाव का खतरा.


500 परिवार बेघर हुए थेः बता दें कि 2007 में यहां भीषण कटाव के कारण करीब 500 परिवार बेघर हुए थे. जिन्हें रमणी बेलाश नीतीश नगर रामपुर में बसाया गया. इसके बाद भी उस दौरान बोल्डर नुमा पक्के बांध निर्माण का कार्य नहीं कराया गया. हालांकि नदी की धारा कटाव के बाद मुड़ दूसरे तरफ मुड़ गई थी. इसके बाद 2017 में भी थोड़ा बहुत कटाव हुआ लेकिन इस साल फिर गंडक नदी की धारा NH 727 की तरफ मुड़ गई है. लिहाजा शहर पर एक बार फिर कटाव का खतरा मंडराने लगा है.

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