पश्चिम चंपारण (बेतिया):देश और दुनियाभर में अब करेंसी का चलन कम हो रहा है. लोग कैशलेस (Cashless) हो रहे हैं और डिजिटली लेन-देन (Digital Transaction) कर रहे हैं. हालांकि कहा जाता है कि ये पढ़े-लिखे लोगों तक की सीमित है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताते हैं, जो भीख मांगकर गुजाराकरता है और ये भी डिजिटली होता है. राजू नाम का ये भिखारी (Digital Beggar Raju of Bettiah) अपने गले में QR CODE की तख्ती और TAB लेकर चलता है.
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बताया जाता है कि पिछले 30 सालों से ऐसे ही लोगों से पैसे मांगकर गुजारा करने वाला ये भिखारी मंद बुद्धि है. उसका कहना है कि लोगों के पास हर वक्त छुट्टे पैसे नहीं होते, इसीलिए उसने डिजिटल तरीके से सहयोग लेना शुरू कर दिया. राजू पीएम मोदी का प्रशंसक है और उनके डिजिटल इंडिया के कैंपेन (PM Modi digital India) से प्रभावित होकर ही इस तरह से भीख मांगने का तरीका अपनाया. बेतिया रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने वाले इस शख्स का दावा है कि वो बिहार का ही नहीं, बल्कि भारत का पहला डिजिटल भिखारी है.
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बड़ी मुश्किल से खुला खाता : राजू का कहना है कि पहले लोग मांगने पर कहते थे कि उनके पास खुल्ले पैसे नहीं हैं और आगे बढ़ जाते थे. इसके बाद उसने इस तरीके से लोगों से मदद मांगने की सोची और बैंक में खाता खुलवाने गया. उसे बैंक में खाते खुलवाने में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. जहां बैंक कर्मी ने उससे पैन कार्ड और आधार कार्ड की मांग की. आधार कार्ड तो उसके पास पहले से था, लेकिन पैन कार्ड बनवाना पड़ा. इसके बाद पिछले महीने ही बेतिया के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा में उसने खाता खुलवाया और ई वॉलेट बनवा लिया.