बिहार

bihar

ETV Bharat / state

शिक्षा विभाग का कारनामा: बायट के पूर्व प्राचार्य पर नहीं हुई आज तक कार्रवाई, दो-दो बार हुआ प्रपत्र 'क' का गठन - वाल्मीकिनगर शिक्षक प्रशिक्षण सह शोध महाविद्यालय

बिहार में शिक्षा विभाग के कारनामे अक्सर सामने आते रहते हैं. वाल्मीकिनगर शिक्षक प्रशिक्षण सह शोध महाविद्यालय (बायट) के पूर्व प्राचार्य दिनेश कुमार पंकज अपने घर से ही ड्यूटी करते रहे. मामले में कार्रवाई के आदेश के बावजूद कोई एक्शन नहीं लिया गया. अब यह मामला एक बार फिर से तूल पकड़ने लगा है. पढ़ें पूरी खबर..

Valmiki nagar Teacher Training cum Research College
Valmiki nagar Teacher Training cum Research College

By

Published : Apr 11, 2022, 6:20 PM IST

पश्चिम चंपारण: बगहा में शिक्षा विभाग का एक बड़ा कारनामा सामने आया है. इंडो-नेपाल सीमा के वाल्मीकिनगर में स्थित टीचर ट्रेनिंग संस्थान (Valmiki nagar Teacher Training cum Research College) यानी BIET(बायट) के पूर्व प्रभारी प्राचार्य (former principal of BIET in bagaha) पर दो दो मर्तबा प्रपत्र 'क' की अनुशंसा होने के बावजूद उन पर कार्रवाई नहीं की गई और लगातार उनका प्रमोशन भी होता गया. हालांकि अब आरोपी प्रचार्य सेवानिवृत हो चुके हैं. बावजूद स्थानीय समाजसेवी व शिकायतकर्ता उनपर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

पढ़ें- इन वजहों से पढ़ाई के लिए 'छात्रों को.. बिहार बोर्ड पसंद है', देश भर के बच्चे ले रहे नामांकन

बायट के तत्कालीन प्राचार्य पर नहीं हुई कार्रवाई: इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकिनगर प्रखण्ड शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के तत्कालीन पूर्व प्राचार्य दिनेश कुमार पंकज (BIET Former Principal Dinesh Kumar Pankaj) पर गबन समेत घर से ड्यूटी निभाने यानी लगातार अनुपस्थित रहते हुए वेतन उठाने के मामले में अब तक कार्रवाई नहीं होने को ले शिकायतकर्ताओं में रोष है. दरअसल वर्ष 2016 में दिनेश कुमार पंकज को बायट का प्राचार्य नियुक्त किया गया. उस समय अपने पद पर रहते हुए प्राचार्य ने कभी संस्थान में ड्यूटी नहीं की. अपने आवास से ही इस जिम्मेदारी वाले पद को सुशोभित करते रहे.

दो-दो बार हुआ प्रपत्र 'क' का गठन

कार्रवाई के आदेश के बावजूद होता रहा प्रमोशन: नतीजतन स्थानीय समाजसेवियों और शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों ने इस बात की शिकायत शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को की. लिखित शिकायत पर तिरहुत प्रमंडल के तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक को जांच का जिम्मा सौंपा गया. इस जांच में तत्कालीन प्राचार्य पर सभी आरोप सही पाया गया. उनपर विभाग द्वारा प्रपत्र 'क' की अनुशंषा करते हुए कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया. लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया और प्राचार्य पर आरोप रहते हुए उनका प्रमोशन कर तबादला कर दिया गया. शिकायतकर्ता विनय कुमार सिंह ने तत्कालीन प्राचार्य पर कार्रवाई की मांग की है.

"अब 31 जनवरी 2022 को आरोपी प्राचार्य दानापुर के प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हो गए. अनुपस्थित रहते हुए प्राचार्य ड्यूटी निभाते रहे और सरकार से मुफ्त में वेतन उठाते रहे. साथ ही कागजी खानापूर्ति कर बायट से लाखों का गबन किया और प्रपत्र क का गठन होने के बावजूद कार्रवाई नही की गई. जबकि यह एक संगीन मामला है."- विनय कुमार सिंह, शिकायतकर्ता

मामले ने पकड़ा तूल: इतना ही नहीं इससे पहले उक्त प्राचार्य पटना के बख्तियारपुर में प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी थे. उस समय भी विभागीय लापरवाही व अनुशासनहिनता का आरोप लगा और प्राथमिक शिक्षा निदेशालय शिक्षा विभाग पटना के आदेश पर ज्ञापंक 1375/2013 द्वारा इन पर प्रपत्र क गठित किया गया. साथ ही वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई. इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि शिकायतकर्ता लगातार विभाग से गुहार लगाते रहे. इस मामले को लेकर अभी भी कार्रवाई की मांग की जा रही है. वहीं इस मामले में एसडीएम दीपक कुमार मिश्रा का कहना है कि यह काफी पुराना मामला है और शिकायतकर्ताओं द्वारा इसकी जानकारी उन्हें मिली है. ऐसे में उन्होंने वरीय पदाधिकारियों को सूचना पहुंचा दी है और ताजा स्टेटस के बारे में जानकारी मांगी है.

पढ़ें-Bihar Board 10th Result 2022: 10वीं की टॉपर बनीं रामायणी राय, सानिया और विवेक सेकेंड टॉपर


विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP

ABOUT THE AUTHOR

...view details