पश्चिमी चंपारण:पूरा प्रदेश इन दिनों बाढ़ की स्थिति से जूझ रहा है. लगभग सभी नदियां ऊफान पर हैं. ऐसे में गण्डक नदी में बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. कटाव से प्रभावित होने वाले संवेदनशील स्थानों पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है. वहीं, कुछ अति संवेदनशील स्थानों पर पैकेट स्टैकिंग का कार्य चल रहा है.
फिलहाल गण्डक नदी का वाटर लेवल काफी घटा है. लेकिन, अभियंता का कहना है कि यदि वाटर लेवल खतरे के निशान से ऊपर जाता है तो हाई अलर्ट घोषित कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है.
नेपाल में हो रही लगातार बारिश
मालूम हो कि इंडो-नेपाल बॉर्डर स्थित गण्डक बराज से गण्डक नदी में शनिवार को 2 लाख 8 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. जिस वजह से गण्डक नदी अपने ऊफान पर थी. ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे थे कि यदि ऐसे ही हालात रहें तो गण्डक नदी खतरे के निशान को पार कर जाएगी. फिर बाढ़ और कटाव की स्थिति बन जाएगी.
जल संसाधन विभाग अभियंता ने दी जानकारी
बहरहाल गण्डक नदी का जल स्तर एक बार फिर 80 हजार क्यूसेक तक आ गया है. लेकिन, नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण से आगे की स्थिति को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता. जल संसाधन विभाग के अभियंता संजय कुमार प्रभाकर का कहना है कि स्टैकिंग कार्य कराने के लिए पर्याप्त मात्रा में मैटेरियल तैयार है. साथ ही कटाव सम्भावित संवेदनशील क्षेत्रों पर कड़ी चौकसी बरती जा रही है. खासकर मंगलपुर औसानी, मिर्जा टोली, दीनदयाल नगर, पुअर हॉउस पर विभाग के अधिकारियों की पैनी नजर है. यदि गण्डक नदी खतरे के निशान से ऊपर जाती है तो अलर्ट घोषित कर निचले इलाकों या नदी के किनारे बसे लोगों को ऊंचे स्थान पर शरण लेने के लिए भेज दिया जाएगा.