बेतिया: जिले में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश से क्षेत्र की सभी नदियां उफान पर आ गई हैं. वहीं नेपाल में हो रहे बारिश से पहाड़ी नदियों के पानी से वाल्मीकिनगर गंडक बराज में लगातार वृद्धि हो रही है. इसे देखते हुए बराज से लगातार पानी का डिस्चार्ज किया जा रहा है. इससें वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, गंडक पार का तराई, बगहा, बेतिया और गोपालगंज जिले में बाढ़ की स्थिति हो गई है.
बेतिया: बराज से छोड़ा गया 4 लाख 16 हजार क्यूसेक पानी, कई घर हुए जलमग्न
जिले में बाढ़ के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं वाल्मीकिनगर गंडक बराज के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. वहीं इस बारिश के कारण किसान की फसले भी नष्ट हो गई है.
4 लाख 16 हजार क्यूसेक पानी हुआ डिस्चार्ज
इंडो नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज से देर रात तक लगातार पानी का डिस्चार्ज जारी रहा. अब तक 4 लाख 16 हजार तक पानी का डिस्चार्ज किया जा चुका है. इससें वाल्मीकिनगर स्थित एसएसबी कैम्प, झंडू टोला, ददरी, नौरंगिया आदि गांव के साथ गंडक पार के सेमरा लबेदहा, मंझरिया, बलुआ, सिसही, श्रीनगर, धुमनगर आदि पंचायतों के दर्जनों गांव के हजारों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. इससें लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है. वहीं लोग क्षतिग्रष्त घरों की मरम्मती में लगे हुए थे, वहीं दोबारा बाढ़ ने लोगों के घरों को अपने चपेट में ले लिया है.
बची फसल भी हुई बर्बाद
जुलाई माह में आए बाढ़ से किसानों के अधिकांश फसल नष्ट हो गई थी. वहीं कटाव से भी किसानों को काफी नुकसान हुआ था. लेकिन जो फसल बच्ची थी, वह भी फसल इस बाढ़ में नष्ट हो गई. धान की तैयार फसल खेत में ही नष्ट हो रही है. इसे लेकर किसानों में मायूसी छाई हुई है. सरकार ने फसलों का मुआवजा भी नहीं दिया था कि दोबारा वहीं स्थिति आ गई. इसे लेकर पीड़ित लोगों ने सरकार से जल्द सहायता पहुंचाने की मांग की है.