बिहार

bihar

ETV Bharat / state

'मौत' के ढाई साल बाद वापस लौटी मनीषा, जानें फिर क्या हुआ..

मनीषा देवी के परिजनों ने उसे ढाई साल पहले ही मरा हुआ समझ लिया था. इसके साथ ससुरालजनों पर हत्या करने का आरोप लगाया था, लेकिन फिर अचानक कुछ ऐसा हुआ कि सब आश्चर्यचकित रह गए.. जानें पूरा मामला..

ढाई साल बाद महिला लौटी वापिस.
ढाई साल बाद महिला लौटी वापिस.

By

Published : Dec 11, 2021, 8:17 AM IST

वैशाली:बिहार के वैशाली जिले से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. ढाई साल पहले जिस बेटी को घरवालों ने हत्याके मामले में मरा हुआ समझ लिया था, वो अचानक से घरवालों के सामने (Woman returned home In Vaishali) आ गई. जिसकी हत्या का आरोप उसके ही ससुरालवालों (In-Laws Accused Of Murder) पर लगाया गया था, लेकिन वह जीवित निकली. महिला ने खुद ही पूरी सच्चाई बतायी.

इसे भी पढ़ें:नालंदा: नवनिर्वाचित वार्ड सदस्य की सड़क हादसे में मौत, परिजन ने कहा- चुनावी रंजिश में की गई हत्या

मामला भगवानपुर थाना क्षेत्र के बनथु गांव का है. जहां के निवासी मोती साहनी और उनकी पत्नी एतवरिया देवी ने हाजीपुर न्यायालय में अपनी बेटी मनीषा देवी की हत्या का मामला दर्ज कराया था. लालगंज थाना क्षेत्र के पुरैनिया निवासी बेटी के ससुरालवालों पर दहेज की मांग को लेकर हत्या कर शव छिपाने का आरोप लगाया गया था. जिसमें मनीषा के पति पप्पू साहनी, ससुर जागेश्वर साहनी और रिश्तेदार चंदन साहनी शामिल थे. न्यायालय ने मामले की जांच के लिए लालगंज थाने को केस से संबंधित कागजात भेजे थे.

ये भी पढ़ें:प्रेमी के घर ओढ़नी से लटकता मिला प्रेमिका का शव, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

मनीषा के ससुरालवालों को पुलिस तलाश करती रही थी. इसी बीच मनीषा के पति पप्पू साहनी को जानकारी मिली कि मनीषा जीवित है. वह कई महीनों से अपने घर पर रह रही है. पप्पू साहनी जब पुलिस को सच्चाई बताने गए, तो पहले पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया. उसके बाद सच्चाई का पता लगाने एएसआई देवनाथ साह को मनीषा के घर भेज दिया. जब देवनाथ शाह मनीषा के घर पहुंचे, तो मनीषा को जीवित देखकर उन्हें भी आश्चर्य हुआ.

देखें रिपोर्ट.

एएसआई देवनाथ साह मनीषा सहित उसके माता-पिता को हिरासत में लेकर थाने पहुंच गए. जहां से मनीषा और उसके माता-पिता को हाजीपुर व्यवहार न्यायालय में न्यायिक प्रक्रिया के लिए पुलिस के संरक्षण में लाया गया. एएसआई देवनाथ साह ने बताया कि 2019 में कोर्ट में मनीषा के दहेज उत्पीड़न हत्या का मामला उसके माता-पिता ने दर्ज कराया था. इस मामले को लेकर पुलिस जांच कर रही थी.

वहीं, मनीषा ने बताया कि उसका पति शराब पीकर मारपीट करता था. इतना ही नहीं उसने उसे जहर ही दे दिया था. इलाज के लिए मनीषा के पिता ने 25,000 रुपये भी दिए थे. जहर देने के बाद भी मनीषा का पति उसके साथ मारपीट करता रहा. इसके साथ ही एक दिन मनीषा के पिता के साथ भी मारपीट की घटना को अंजाम दिया. जिसके बाद मनीषा ने फैसला लिया कि वह किसी को बगैर बताए कहीं भाग जाएगी.

मनीषा किसी को बिना बताए अपनी एक सहेली मोनिका के साथ दिल्ली भाग गई. दिल्ली से वह चार महीने पहले गांव लौटी. मनीषा से जब पूछा गया कि घर लौटने के बाद उसने पुलिस को अपने जीवित होने की बात क्यों नहीं बताई, तो उसने कोई सटीक जवाब नहीं दिया. वहीं मनीषा की मां एतवरिया देवी ने भी वही बातें दोहराई जो मनीषा के द्वारा बतायी गई थी. साथ ही उसने बताया कि मनीषा की शादी 10 साल पहले कर दी गई थी. जब वह महज 12 साल की थी. तब से ही उसके ससुराल वाले उसको प्रताड़ित करते थे. बेटी के बिना बताए भाग जाने के बाद उन्हें लगा कि शायद दहेज के लिए उसकी बेटी की हत्या कर दी गई है.

'मामला 2019 का है. मामला कोर्ट से थाने में गया. जिसके बाद बयान लेने आए तो, देखा कि मनीषा जिंदा थी. लड़की के जिंदा रहने के बावजूद भी उसके ससुरालजनों पर हत्या करने का आरोप लगाया गया था. लड़की के घरवालों ने दहेज के संबंध में हत्या करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद परिवार कोर्ट से मामला थाने आया.'-देवनाथ साह, एएसआई

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP

ABOUT THE AUTHOR

...view details