वैशाली:बिहार के वैशाली जिला मुख्यालय स्थित हाजीपुर व्यवहार न्यायालय (Hajipur Civil Court) ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले का ट्रायल एक वर्ष के भीतर पूरा कर एक महिला सहित 6 लोगों को दोषी करार दिया (court sentenced five convicts to life imprisonment) है. जिसमें कोर्ट ने 5 लोगों को नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म करने का प्रयास और हत्या कर शव को पोखर में फेंक देने के मामले में अंतिम सांस तक के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई है. जबकि एक महिला को साक्ष्य छुपाने और लोगों को सच नहीं बताने के मामले में दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई गई है.
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दुष्कर्म और हत्या मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा: बता दें कि प्रिया (बदला हुआ नाम) हत्याकांड करीब 1 वर्ष पहले हुआ था. इस हत्याकांड ने तब पूरे देश में सनसनी फैला दी थी. देश के कई जगहों से इस हत्याकांड के विरोध में प्रदर्शन किए गए थे. जिसमें बिहार सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद इस मामले का मॉनिटरिंग शुरू किया था. इस मामले में सरकार की ओर से केस की पैरवी कर रहे हैं पोक्सो एक्ट के स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि महनार थाना क्षेत्र के एक मामले में अभियुक्तों सजा सुनाई गई है.
बदमाशों ने की थी हत्या: पोक्सो के स्पेशल जज जीवन लाल ने चर्चित प्रिया (बदला हुआ नाम) हत्याकांड मामले में एक महिला सहित 6 लोगों को सजा दी है. 7 सितंबर को कोर्ट ने सभी अभियुक्तों को दोषी करार दिया था. घटना 14 सितंबर 2021 की है, जब पीड़िता कोचिंग के लिए साईकिल से जा रही थी. जिसको पांच अभियुक्त दशरथ मांझी, यदु राय, गौतम सहनी, वकील पासवान और चंदेश्वर पासवान ने पकड़ कर साइकल सहित ले गए और उसके साथ जबरन दुष्कर्म करने का प्रयास किया. नाबालिग की हत्या कर दी थी और उसके शव को चंवर के पोखर में फेंक दिया था.
चंवर से बरामद हुआ था शव: दरिंदों ने नाबालिग की साइकिल और बैग भी पानी में फेंक दिया था. बाद में साइकिल निकालकर स्थानीय एक महिला को छुपाने के लिए दे दिया था. घटना के अगले दिन जब लाश पानी में दिखाई दिया और हल्ला हुआ तो उस शव को देखने के बाद सभी अभियुक्त घर से फरार हो गए थे. इसके बाद इन लोगों को खोजा गया और फिर इनकी गिरफ्तारी की गई. सभी ने अपना गुनाह स्वीकार किया था. इनके कन्फेशनल स्टेटमेंट के आधार पर साइकल और बैग बरामद किया गया. इसमें पांचों अभियुक्तों के अलावा महिला को भी दोषी करार दिया गया.
पांच दोषी को आजीवन कारावास की सजा: पांच अभियुक्त को दुष्कर्म का भरसक प्रयास के बाद हत्या के मामले में दोषी करार दिए गया. जबकि महिला सलवा देवी को साक्ष्य छुपाने को साक्ष्य छुपाने और घटना की जानकारी नहीं देने के मामले में दोषी करार दिया गया. यह बेहद महत्वपूर्ण मामला था. काफी दिनों तक इसमे प्रोटेस्ट हुआ था. इस विषय में स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि अदालत में 5 दोषियों को उम्रकैद की सजा अंतिम सांस तक सुनाई और एक महिला और एक महिला दोषी को 5 वर्ष की सजा सुनाई है. इस फैसले से समाज पर व्यापक असर पड़ेगा और ऐसी सोच रखने वाले लोग डरेंगे.
"महनार थाना में 14 सितंबर 2021 में घटना हुई थी. उसी में पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश जीवनलाल के कोर्ट से पांच अभियुक्त दशरथ मांझी, यदु राय, गौतम कुमार सैनी, वकील पासवान, चंदेश्वर पासवान के साथ महिला अभियुक्त कालबादेवी को भी सजा सुनाई गई है. जिसमें सभी पुरुष अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. जीवन के अंतिम सांस तक के लिए. वहीं महिला अभियुक्त को 5 वर्ष के सश्रम सजा सुनाई गई है. वहीं कई धाराओं में 75 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा भी सुनाई गई है. अर्थदंड में से आधी राशि मृतका के परिवार को और आधी राशि सरकार के खाते में जाने का प्रावधान न्यायालय ने दिया है. यह ऐसा पहला मामला है, जिसका फैसला 1 वर्ष के भीतर आया है. मुख्यमंत्री बिहार सरकार खुद इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे थे. डे बाय डे मामले की सुनवाई चल रही थी. जिसमें वैशाली एसपी और वैशाली डीएम मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मॉनिटरिंग कर रहे थे. यह बेहद अहम फैसला है इससे समाज में बच्चियों के प्रति दूषित मानसिकता रखने वाले लोगों में भय व्याप्त होगा."- मनोज कुमार शर्मा, स्पेशल पीपी, पोक्सो एक्ट
"पहले तो न्यायालय के इस फैसले का सम्मान करते हैं. पांच जो पुरुष थे उनको आजीवन कारावास एक महिला आरोपी को 5 वर्ष की सजा दी गई है. जो फैसला आया है उसका हृदय से सम्मान करता हूं. न्याय मिलने की जो बात है एक ऐसा वातावरण बनना चाहिए, जिससे इस तरह की घटना की पुनरावृति न हो. इसके लिए यह न्याय हुआ है. 14 सितंबर को 2021 को घटनाएं हुई थी. जब कोचिंग जाने के दौरान साइकिल सहित उसका अपहरण कर लिया गया था और 1 दिन बाद उसका शव मिला था" - मृतिका के पिता
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