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वैशाली: कौनहारा घाट पर गंदगी का अंबार, मूलभूत सुविधाओं का अभाव - namami ganga

विश्व प्रसिद्ध कौनहारा घाट पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इसके चलते यहां आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : May 25, 2019, 10:53 AM IST

Updated : May 25, 2019, 11:51 AM IST

वैशाली: हाजीपुर मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर स्थित कौनहारा घाट धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है. गंगा किनारे स्थित विश्व प्रसिद्ध इस घाट पर हर पूर्णिमा को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. वहीं, गर्मियों के दिनों में भी इस घाट पर स्नान करने वालों की अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है. बावजूद इसके इस घाट पर स्वच्छता मिशन पूरी तरह नदारद है.

प्रशासनिक उदासीनता का आलम यह है कि ये घाट बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जूझ रहा है. यहां घाट तो पक्का है मगर स्नान करने आने वाली महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है. महिलाओं को कपड़े बदलने के लिए कोई चेंजिंग रूम नहीं है. वहीं, भीषण गर्मी के बावजूद यहां पेयजल की व्यवस्था भी नहीं की गई है. जो भी चापाकल लगे हुए हैं, वो सूख गए है. यहां शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है.

आम दिनों में स्नान करते श्रद्धालु

कैसे लगा गंदगी का अंबार
यहां घाट किनारे गंदगी का अंबार लगा देखने को मिल जाएगा. इसके पीछे की मुख्य वजह डस्टबीन ना होना है. वहीं, दूसरी ओर घाट किनारे जो भी डस्टबीन हैं, वो कूड़े से पूरी तरह भरे है. सफाईकर्मी का नियमित ना होना भी इस घाट पर गंदगी को बढ़ावा दे रहा है. यहां नाममि गंगे का बोर्ड तो जरूर लगा है, लेकिन उसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.

कौनहारा घाट

दूर होगी समस्याएं
घाट की गंदगी और तमाम मूल भूत सुविधाओं को लेकर जब पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार से बात की गई. उन्होंने माना कि उस क्षेत्र में समस्या को लेकर जनता की नाराजगी विभाग से हैं. उन्होंने आश्वस्त किया कि क्षेत्र में सभी समस्या को यथाशीघ्र दूर कर दिया जाएगा.

कौनहारा के बारे में...
ऐसी मान्यता है किगज और ग्राह रूपी श्रापित गंधर्वों को मुक्ति दिलाने के लिए भगवान विष्णु यहां प्रकट हुए थे. यहां गज-ग्राह का युद्ध हुआ था. चल रहे युद्ध में गज यानी हाथी को ग्राह यानी मगरमच्छ ने जकड़ लिया. हाथी को जैसे ही मगरमच्छ ने जकड़ा, वो कमजोर पड़ने लगा. मगरमच्छ हाथी को गहरे पानी की ओर ले जाने के लिए लगा.

इसके बाद हाथी ने कमल के फूल को अपनी सूंढ़ से पकड़ भगवान विष्णु की अराधना की. तभी गज की पुकार पर स्वयं भगवान वहां पधारे. भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से ग्राह का वध कर गज की प्राण बचाए. वहीं, भगवान के हाथों संहार किए गए ग्राह को मोक्ष की प्राप्ति हुई.

Last Updated : May 25, 2019, 11:51 AM IST

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