वैशाली : बिहार कीशिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद में पूरा शिक्षा विभाग जुटा हुआ है. खासकर, अपर मुख्य सचिव केके पाठक स्कूल-स्कूल जाकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं. ऐसे में जिले के महनार प्रखंड के नया टोला खरजम्मा वार्ड संख्या 13 स्थित शारदा संस्कृत प्राथमिक सह मध्य विद्यालय एक ऐसा स्कूल है, जहां हर सभी नियमों को ताक पर रखकर स्कूल संचालित किया जा रहा है.
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'कागज पर चल रहा स्कूल' : अभिभावकों व बच्चों के अनुसार यह मध्य विद्यालय कागजों पर चलाया जा रहा है. इस विद्यालय में एक से आठ तक पढ़ाई होती है, लेकिन वह विद्यालयों में नहीं बल्कि कागजों पर होती है. 50 के करीब छात्रों का नामांकन है, लेकिन यह छात्र भी कागजों पर ही स्कूल आते हैं. शिक्षकों की बहाली है लेकिन वह भी फिजिकली नहीं कागजों पर ही आते है. यही कारण है कि स्कूल में अक्सर ताला लगा रहता है. जितने भी स्कूल के छात्र थे. वह सभी दूसरे स्कूलों में अपना नामांकन करवा चुके हैं.
स्कूल नहीं आते शिक्षक : स्थानीय ग्रामीण अजय मल्लिक का कहना है कि स्कूल तो खुलता है लेकिन कोई बच्चा नहीं आता है. शिक्षक आते हैं, अपनी हाजिरी लगाकर चले जाते हैं. ना कोई बोलने वाला है, ना कोई कहने वाला है. पढ़ाई होगा तब तो बच्चे आएंगे. वहीं एक छात्र पासवान कुमार ने बताया कि "स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है. पहले हम लोग जाते थे, अब छोड़ दिए. अब दूसरी जगह नाम लिखवा लिए. यहां सर जी नहीं आते थे. स्कूल बंद रहता है, कभी खुलता ही नहीं है. 26 जनवरी को खुलता है. फिर स्कूल बंद हो जाता है."