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कैमूर के फौजी राधेश्याम बने मल्लयुद्ध के विजेता, एक लाख नगद के साथ मिला चांदी का गदा

Sonepur Mela 2023: सोनपुर में दो दिवसीय मल्लयुद्ध प्रतियोगिता में कैमूर के फौजी राधेश्याम विजेता रहे. एक लाख नगद के साथ उन्हें चांदी का गदा मिला है. साथ ही देश के सबसे प्रतिष्ठित हनुमान अखाड़े में प्रशिक्षण का मौका मिलेगा. आगे पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 17, 2023, 10:28 AM IST

हरिहर क्षेत्र मेला में मल्लयुद्ध का समापन

वैशाली: बिहार के सोनपुर के हरिहर क्षेत्र मेला में चलने वाले दो दिवसीय मल्लयुद्ध का समापन हो गया. इस मल्लयुद्ध में कैमूर के रहने वाले और भारतीय आर्मी में अपनी सेवा दे रहे राधेश्याम चैंपियन घोषित किए गए. उन्हें 80 से 90 किलोग्राम में राधेश्याम को चैंपियन घोषित किया गया. उन्होंने अपने ही जिला के पहलवान को पटकनी देकर जीत हासिल की है. इस जीत के साथ ही राधेश्याम को एक लाख रुपये नगद और चांदी की गदा भेट की गई है.

ओलंपिक में जाने का है सपना: देश के सबसे बड़े हनुमान अखाड़े में राधेश्याम को प्रशिक्षण का मौका मिलेगा. जीत के बाद राधेश्याम ने बताया कि दो दिवसीय कंपटीशन चल रहा था इसमें उन्होंने 80 से 90 किलोग्राम वजन में भाग लिया था. फाइट टफ था क्योंकि इनाम ज्यादा था और चांदी का गदा भी था. उन्होंने चार राउंड में जीत हासिल करके आखिर में कैमूर के ही एक लड़के को मात दी है. वो 2009 से प्रैक्टिस में हैं और अभी इंडियन आर्मी में तैनात हैं. उनका ओलंपिक में जाने का एक ही सपना है.

मल्लयुद्ध में कांटे की टक्कर

क्या है विजेता फौजी की डाइट:राधेश्याम आगे बताया कि हनुमान अखाड़े से गुरुजी खुद उन लोगों को सेलेक्ट करने आएं हैं. उन्होंने ने बताया कि वो शुद्ध शाकाहारी हैं. डाइट में वो दूध, घी, बादाम, औप सब्जियां लेते हैं. फौजी ने 25 साल की उम्र में अपने किसान पिता का नाम रौशन किया है. बता दें कि दो दिनों तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में देशभर से आए 200 से ज्यादा खिलाड़ियों ने भाग लिया था, जिसमें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के बीच के खिलाड़ी शामिल थे.

कैमूर के फौजी ने मारी बाजी
"दो दिवसीय कंपटीशन चल रहा था इसमें मैं 80 से 90 किलोग्राम भार वर्ग में लड़ रहा था. इनाम ज्यादा था और चांदी का गदा था इसलिए कई अच्छे खिलाड़ी आए हुए थे. कंपटीशन मुश्किल था लेकिन मैंने जीत हासिल की. मैंने चार राउंड खेल कर ये मुकाबला जीता है. मैं 2009 से प्रैक्टिस में हूं, अभी मैं इंडियन आर्मी में हूं, मेरा ओलंपिक में जाने का सपना है, हनुमान अखाड़ा चलने के लिए गुरुजी ने सिलेक्ट किया है."- राधेश्याम, मल्लयुद्ध में गदा विजेता.

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