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आशीर्वाद यात्रा: रामविलास की कर्मभूमि से चिराग ने भरी हुंकार, कहा- हाजीपुर को मां कहकर पुकारते थे पिता - रामविलास पासवान जयंती

राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की कर्मभूमि हाजीपुर के सुल्तानपुर से चिराग पासवान ने आशीर्वाद यात्रा (Ashirwad Yatra) शुरू की. इस यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा. चिराग पासवान ने कहा कि पिता की मौत के बाद अपनों ने ही धोखा देकर अनाथ बना दिया है.

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Published : Jul 5, 2021, 9:34 PM IST

वैशाली:लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की कर्मभूमि हाजीपुर से सोमवार को चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने अपनी आशीर्वाद यात्रा (Ashirwad Yatra) शुरू की. चिराग की इस यात्रा में भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा.

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राम विलास पासवान को दी श्रद्धांजलि
आशीर्वाद यात्रा शुरू करने से पूर्व हाजीपुर के सुल्तानपुर में आयोजित जयंती समारोह में उन्होंने अपने पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत राम विलास पासवान को श्रद्धासुमन अर्पित किए. इसके बाद आयोजित सभा में उन्होंने कहा कि हाजीपुर की पहचान राम विलास पासवान से है और रामविलास पासवान की पहचान हाजीपुर से है.

'आशीर्वाद यात्रा' में उमड़ा जनसैलाब

''हाजीपुर को मेरे पिता हमेशा मां कह कर पुकारते रहे थे. हाजीपुर ने उन्हें खास पहचान और मुकाम दिया. आज मैं अपने पिता की उसी कर्मभूमि से अपनी आशीर्वाद यात्रा शुरू कर रहा हूं.''- चिराग पासवान, जमुई सांसद

चिराग ने लोगों से मांगा समर्थन
जमुई सांसद चिराग पासवान ने कहा कि जब तक उनके पिता जिंदा थे, परिवार को एक सूत्र में बांधे रखा. लेकिन, उनके निधन के बाद उन्हें अपनों ने ही धोखा देकर अनाथ बना दिया. उन्होंने कार्यक्रम में उमड़े जनसैलाब से समर्थन मांगा. जवाब में लोगों ने हाथ उठाकर उनका साथ देने का वादा किया.

चिराग पासवान ने कहा कि 1977 में जब राम विलास पासवान ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी, उस वक्त उन्होंने हाजीपुर के सुल्तानपुर से ही अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी. तब से लेकर अंतिम समय तक हाजीपुर का उन्हें अपार स्नेह मिला. आज उसी धरती से उनके बेटे होने के नाते वे अपनी आशीर्वाद यात्रा शुरू कर रहे हैं.

हाजीपुर मे हुआ भव्य स्वागत
पटना से हाजीपुर पहुंचते ही चिराग पासवान का भव्य स्वागत किया गया. गांधी सेतु पार करते ही उनका काफिला और लंबा हो गया. आगे-आगे कार से चल रहे चिराग पासवान लोगों का अभिवादन कर रहे थे. उनके पीछे गाड़ियों की लंबी लाइन थी. काफिले में 500 से ज्यादा गाड़ियां थी. वहीं, हजारों लोग सड़क पर फूल-माला लेकर उनके स्वागत के लिए जुटे हुए थे. उनके काफिले में समर्थकों की भीड़ ऐसी कि हाजीपुर-पटना मार्ग पूरी तरह से जाम हो गया.

दूर-दूर तक सिर्फ गाड़ियों की लंबी लाइन और उनके स्वागत में खड़े लोग ही नजर आ रहे थे. उन्होंने जढुआ में चुहरमल बाबा की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया. गांधी सेतु से लेकर कार्यक्रम स्थल तक कई स्थानों पर उनका भव्य स्वागत किया गया.

सुरक्षा में मुस्तैद रहे पुलिस पदाधिकारी
चिराग पासवान की आशीर्वाद यात्रा को लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट था. कार्यक्रम स्थल के अलावा विभिन्न प्वाइंटों पर पुलिस पदाधिकारी और जवान प्रतिनियुक्त थे. सदर एसडीपीओ राघव दयाल खुद सुरक्षा की कमान संभाल रहे थे. वहीं, लोजपा संस्थापक की जयंती और आशीर्वाद यात्रा में लोजपा चिराग गुट का दम देखने को मिला. कार्यक्रम में उमड़ी लोगों की भारी भीड़ से चिराग पासवान और उनके समर्थक काफी उत्साहित नजर आए.

बता दें कि चिराग ने अपने पिता की जयंती के अवसर पर सोमवार को हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र (जिसका उनके पिता ने कई दशकों तक प्रतिनिधित्व किया) से 'आशीर्वाद यात्रा' की शुरुआत की. उनके इस निर्णय ने हाजीपुर का वर्तमान में प्रतिनिधित्व करने वाले पारस को नाराज कर दिया है, जो लोजपा के अन्य सभी सांसदों के समर्थन से चिराग को हटाकर स्वयं लोकसभा में पार्टी के नेता के तौर पर आसीन होने के बाद अपने गुट द्वारा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किए गए हैं.

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पारस ने दी थी चिराग को सलाह
पारस ने हाल ही में चिराग के कार्यक्रम को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी और सवाल किया था कि क्या उनके पिता की जयंती श्रद्धांजलि देने या लोगों का आशीर्वाद लेने का अवसर है. उन्होंने अपने भतीजे को अपने संसदीय क्षेत्र जमुई में अपना कार्यक्रम आयोजित करने की सलाह दी थी, जहां से वह लोकसभा में लगातार दूसरी बार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

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