वैशाली:रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) जारी है. इस बीच यूक्रेन से लौट रहे मेडिकल के छात्रों को अपने भविष्य को लेकर डर सताने लगा है. उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में छूट जाने को लेकर आशंका है. साथ ही वहां उनके साथ हुए बुरे बर्ताव को लेकर भी काफी निराशा है. कुछ ऐसा ही यूक्रेन से लौटे वैशाली के छात्र आलोक कुमार (Student Alok kumar) ने बताया. छात्र ने बताया कि यूक्रेन के नागरिक भारतीय को ट्रेन पर चढ़ने नहीं देते थे. किसी तरह वह अपने देश लौट पाया है. भारत सरकार मदद तो कर रही है. लेकिन मदद यूक्रेन के बॉर्डर से बाहर ही मिल पाती थी.
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दस गुना ज्यादा किराया देने पड़ा:छात्र वैशाली जिले के महुआ प्रखंड के मंगुरहि गांव का निवासी है. वह यूक्रेन से भारत लौटा है. वह एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया था. उसके गांव लौटने पर स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया. उसने बताया कि यूक्रेन में खार्कीव, सूमी और कीव ऐसे क्षेत्र हैं, जहां से बॉर्डर एरिया 8 से 12 सौ किलोमीटर की दूरी पर है. सबसे बड़ी परेशानी यह है कि यहां से गुजरने वाली ट्रेनों में यूक्रेन के नागरिक भारतीय को नहीं चढ़ने देते हैं. ऐसे में लोकल गाड़ी किराए पर लेनी पड़ती थी. जिसका किराया 10 गुना ज्यादा होता है.