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7 जिलों के किसानों ने सीखे सेब की खेती के गुर, उगा सकते हैं ताइवान का पपीता, बिना बीज वाला नींबू - ईटीवी न्यूज

बिहार में किसान अब पारंपरिक खेती (Traditional farming in Bihar) से आगे बढ़कर विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां उगा रहे हैं. यहां 7 जिलों के किसानों ने कई तरह के फलों के उत्पादन की तकनीक के बारे में जानकारी ली. इसमें सेब, ताइवान का पपीता, नाईन केला, दो किस्म का स्ट्रॉबेरी, बिना बीज वाला नींबू, खीरा आदि शामिल हैं. पढ़ें पूरी खबर.

Center of Excellence for Food
Center of Excellence for Food

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Published : Jan 24, 2022, 9:48 AM IST

वैशाली: बिहार के किसान अब कई तरहे फल और सब्जियां उगा रहे हैं. इसके लिए वे जानकारी जुटा रहे हैं जिससे अपने फसलों से लाभ कमा सकें. यहां पहाड़पुर तोई स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फूड (Center of Excellence for Food) केंद्र में जैविक विधि और नई तकनीक से उत्पादित हो रहे फलों के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त (Farmers learned apple cultivation in Bihar) कर किसान लाभान्वित हो रहे हैं. इसके साथ ही प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद किसान उक्त पद्धति को अपनाकर खेती करने में जुट गए हैं.

सेंटर में राज्य के किसानों को इंडो इजरायल और ताइवान की तकनीक पर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा फलों के उत्पादन पूर्णतया जैविक विधि से कराने का गुर सिखाया जा रहा है. किसानों को खासकर ताइवान का पपीता, नाईन केला, दो किस्म का स्ट्रॉबरी, बिना बीज वाला नींबू, खीरा, कई किस्म के आम व लीची को नर्सरी से लेकर पौधा तैयार करने की उत्तम गुणवत्ता वाले फलों का उत्पादन करने के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है. जिससे किसान तिलहन, दलहन, मक्का, गेहूं, चावल व हरी सब्जी के साथ-साथ फलों का भी उत्पादन कर अच्छी आमदनी कर सकें.

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किसानों को इस तरह का प्रशिक्षण राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जल जीवन हरियाली योजना यात्रा के दौरान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट्स केंद्र का उद्घाटन करने के बाद साकार हो सका है. इस केंद्र में अब तक राज्य के विभिन्न जिलों के हजारों किसान प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं. साथ ही राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाए जा रहे लाभकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं. इसी बीच उद्यान निदेशालय कृषि विभाग द्वारा विशेष उद्यानिक फसल योजना के तहत सेव का क्षेत्र विस्तार किया गया.

साथ ही प्रयोग के तौर पर दर्जन भर हरमन 99 के सेब का पौधा भी लगाया गया. इसके साथ ही जिले के प्रगतिशील किसानों को प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण का शुभारंभ उद्यान निदेशालय के निर्देशक नंदकिशोर के द्वारा किया गया. वहीं, डिजिटल माध्यम से कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह और कृषि सचिव डॉ. एन सरवण कुमार ने वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, भागलपुर और औरंगाबाद के प्रगतिशील कृषकों के साथ बिहार में सेब की खेती पर विशेष चर्चा की. सेव की हरमन 99 किस्म के बारे में गुजरात से आए राष्ट्रीय नवप्रवर्तन के डॉ. पार्थ कुमार देव ने विस्तार से जानकारी दी.

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हरमन 99 प्रजाति सेब की खेती बिहार में की जा सकती है क्योंकि यहां 45 से 48 डिग्री तापमान सहन कर सकता है. सेब की खेती के लिए यह विभिन्न जरुरतों तथा इसे कटाई छटाई के बारे में कृषकों के साथ जानकारी साझा की गई. प्रशिक्षण के दौरान पातेपुर के प्रगतिशील किसान संजय कुमार पिछले 3 से 4 वर्षों से सेब की खेती करते आ रहे हैं. कृषि मंत्री और कृषि सचिव द्वारा निर्देश दिया गया है कि इस योजना के अंतर्गत 7 जिलों के अलावा अन्य क्षेत्रों के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक सेब की खेती कराया जाए.

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