सुपौल: बिहार के सुपौल में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद न्यायालय टू अमित कुमार की अदालत ने शराब तस्करी के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. दोनों को शुक्रवार को सात-सात साल की कारावास व दो-दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी गई. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. कोर्ट की ओर से मामले में अजय दत्त और अनिल कुमार को उक्त सजा सुनायी गयी.
मामले में कई लोगों ने दी गवाही:वहीं इस मामले में विशेष लोक अभियोजक रुद्र प्रताप लाल ने सरकार की ओर से अपना पक्ष रखा. वहीं बचाव पक्ष की ओर से शिवेन्द्र प्रताप सिंह और किशोर कुमार झा ने बहस में हिस्सा लिया. मामले में अनुसंधानकर्ता वशिष्ठ मुनि राय अवर निरीक्षक, सूचक थानाध्यक्ष पंकज कुमार, अंगिशा कुमारी प्रभारी पुलिस अवर निरीक्षक, सहायक अवर निरीक्षक राजीव सहनी, चौकीदार शेखर कुमार मंडल ने गवाही दी.
कब पकड़े गए थे तस्कर: बता दें कि 21 अगस्त 2022 को जिले के निर्मली थानाक्षेत्र अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 57 से सटे राजनंदनी होटल के पास शाम के 5:30 बजे एक ट्रक संदिग्ध स्थिति में खड़ी मिली. पुलिस द्वारा संदिग्ध ट्रक में जांच के दौरान 5 हजार 9 सौ 82 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई. पुलिस ने इस दौरान मौके से दिल्ली के नजफगढ़ निवासी दो अभियुक्त अजय दत्त और अनिल कुमार को गिरफ्तार किया. पुलिस द्वारा निर्मली थाना में बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 30 ए के तहत मामला दर्ज किया गया.
ऐसे करते थे शराब की तस्करी: दोनों तस्कर द्वारा बताया गया कि ट्रक पर वाटर फिल्टर प्लांट ले जाया जा रहा है. जो पूरी तरह सीलबंद है. जिसे खोला नहीं जा सकता है. जब दोनों तस्कर से चालान की मांग की गयी तो तस्कर द्वारा फर्जी चालान प्रस्तुत किया गया. बाद में बताया कि असम का मनीष नाम का शख्स जो उनका दोस्त है वो शराब का बड़ा कारोबारी है. दोनों शख्स केद्वारा ही 18 अगस्त 2022 को असम में वाटर फिल्टर प्लांट का फर्जी चालान बना कर ट्रक पर लदे कंटेनर में शराब की बोतल से भरा कार्टूनों को लोड कर दिया गया. जिसे दरभंगा में एक तस्कर के यहां पहुंचाना था.
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