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बिहार: प्रदेश के कई जिलों में गहराया जल संकट, बूंद-बूंद को तरसे लोग

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि जिले में पानी की समस्या है. लोगों से अपील है कि व्यर्थ का पानी बहाने से बचें.

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Published : Jun 1, 2019, 5:45 PM IST

जल संकट से जूझते लोग

पटना/सीवान/बेगूसराय:जैसे-जैसे तापमान बढ़ता जा रहा है, प्रदेश में जल संकट गहराता जा रहा है. कुएं, तालाब, चापाकल सब सूख गए हैं. लोगों के बीच पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. बूंद-बूंद के लिए लोग तरस रहे हैं.

सिवान में भी गहराया जल संकट
यहां जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, लोगों के बीच पानी की समस्या बढ़ती जा रही है. आलम यह है कि सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए सभी चापाकल, कुएं इत्यादी सुख गए हैं. लोगों को एक बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है.

सुखा बोरिंग

इस बारे में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि जिले में पानी की समस्या है. लोगों से अपील है कि व्यर्थ का पानी बहाने से बचें. उन्होंने कहा कि शहर में अवैध रूप से संचालित हो रहे आरओ प्लांट भी पानी का दोहन कर रहे हैं, जिस कारण जलस्तर घटते जा रहा है.

सूखा कुंआ

पटना में भी हाल बेहाल
पटना में भी पानी की कमी ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है. प्रचंड गर्मी के कारण जल का स्तर काफी नीचे चला गया है, जिससे ग्रामीण इलाकों के कई चापाकल सुख चुके हैं. कई नलकूप और बोरिंग भी खराब हो चुके हैं. ऐसे में पटना से सटे मनेर, बिहटा, बिक्रम, और पालिगंज सहित लगभग सभी इलाको में पानी की घोर किल्लत है.

सूखा चापाकल

चारों ओर हाहाकार
चारों तरफ पानी के लिए हाहाकार मचा है. लोगों को उम्मीद थी कि सरकार के सात निश्चय योजना के तहत नल जल योजना से उन्हें थोड़ी राहत मिलेगी, मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. इधर, पानी की किल्लत की समस्या से प्रखंड के बीडीओ भी सहमत है. उन्होंने बताया कि बिहटा प्रखंड में भूमिगत जलस्तर काफी नीचे चला गया है. जिसके पानी की काफी किल्लत हो गई है.

लोगों का बयान

बीडीओ विभेष आनंद ने बताया कि जिन-जिन इलाकों का चापाकल सूखा है, उसकी सूची बनाकर पीएचइडी विभाग के सहयोग से वरीय अधिकारियों को सूचित किया जा रहा है. साथ ही पानी की किल्लत से निबटने के सारे प्रयास किए जा रहे हैं.

अधिकारी का बयान

बेगूसराय में बूंद-बूद को तरसे लोग
यहां भी लोगों का गर्मी से हाल बेहाल है. जलस्तर नीचे चले जाने से लोगों को जल संकट से जूझना पड़ रहा है. एकतरफ नगर निगम का कहना है कि 6 महीने के अंदर पीने की किल्लत दूर हो जाएगी. वहीं, ग्रामीण इलाकों के बारे में पीएचईडी के अधिकारी ने बताया कि अभी खराब पड़े चापाकल ठीक कराने में कम से कम 20 दिन और लगेंगे. पानी की समस्या का समाधान ग्रामीण इलाकों में तुरंत संभव है.

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