सिवान: सरकार एक तरफ जहां राज्य भर में नए-नए पुल का निर्माण करवा रही है. वहीं कई गांव में अभी भी पुल नहीं होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही एक गांव है पकवलिया. इस गांव के लोग लकड़ी के बने चचरी पुल के सहारे आवागमन करने को मजबूर थे. कई बार ग्रामीण हादसे के शिकार भी हो जाते थे. जिसके बाद ग्रामीणों ने खुद ही चंदा इकट्ठा कर यहां पुल का निर्माण कराया.
सिवान: सालों से पुल की मांग कर थक चुके लोगों ने चंदे से बनवाया लोहे का पुल - pakwalia village bridge latest news
हजारों की आबादी वाले इस गांव मे आने जाने के लिए दाहा नदी पर बने लकड़ी के चचरी के पुल से लोगों को गुजरना पड़ता था. जो काफी जोखिम भरा था. वहीं बरसात के मौसम में यह सफर और भी जोखिम भरा हो जाता था.
पुल से गिरकर कई लोग हो चुके हैं घायल
जिले का पकवलिया गांव जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जहां के लोग खुद से बनाये गए लकड़ी के चचरी पुल के सहारे आवाजाही करते थे. रोजाना बच्चे भी इसी लकड़ी के बने पुल से होकर स्कूल जाते थे. कई बार लोग इस पुल से नीचे गिरकर घायल भी हो चुके हैं. लेकिन आज तक जिला प्रशासन के किसी अधिकारी ने लोगों की इस समस्या की सुध तक नहीं ली. बता दें कि इसी पंचायत ने सिवान जिले को दो-दो सांसद दिया था. एक हैं पूर्व सांसद मो० शहाबुद्दीन और दूसरे हैं महराजगंज के पूर्व सांसद उमाशंकर सिंह.
बरसात में लोगों को होती थी काफी परेशानी
हजारों की आबादी वाले इस गांव में आने जाने के लिए दाहा नदी पर बने चचरी पुल से लोगों को गुजरना पड़ता था. जो काफी जोखिम भरा था. वहीं बरसात के मौसम में यह सफर और भी जोखिम भरा हो जाता था. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. जिसके बाद ग्रामीण खुद ही चंदा इकट्ठा कर यहां एक लोहे के चदरे का पुल का बनवा रहे हैं. इस पुल के निर्माण से ग्रामीण काफी खुश हैं. वहीं उन्हें दुःख इस बात का है कि बार-बार जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने के बाद भी उन्हें एक पुल भी नहीं मिल सका.