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सिवान: इन आंसूओं को पोछने कोई नहीं आया, बोले बाढ़ पीड़ित- मिर्च का चोखा खा चल रही है जिंदगी - बिहार सरकार

बिहार के सिवान में बाढ़ का कहर जारी है. ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो पर जाकर बाढ़ पीड़ितों का हालात जाना. इस भगवानपुर प्रखंड के बनकट गांव की कमला देवी रोने लगीं. उन्होंने जो कुछ बताया, आप खुद ही सुन लीजिए...

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Published : Aug 8, 2020, 8:36 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 5:17 PM IST

सिवान: बिहार के 16 जिले इन दिनों बाढ़ की विभिषिका से बुरी तरह प्रभावित हैं. इन जिलों के कई गांव जलमग्न हैं. लाखों की संख्या में लोग अपना घर छोड़ ऊंचे स्थानों की ओर विस्थापित हो गए हैं. ऐसे में बिहार के सिवान के हालात भी कुछ कम खराब नहीं दिख रहे हैं.

जल जमाव के बीच ग्रामीण

सिवान में गंगा के पानी में लगातार वृद्धि हो रही है. जिले का भगवानपुर प्रखंड के बनकट गांव की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है और यहां के बाढ़ प्रभावित लोगों का दुख सुनने वाला कोई नहीं है. ईटीवी भारत संवाददाता ने जब इस गांव के लोगों का हाल जाना, तो उन्होंने अपना दर्द बयां किया.

सिवान से ग्राउंड रिपोर्ट

ग्रामीणों का दर्द

गांव के सुग्रीव प्रसाद ने कहा, 'इस बार बहुत मुसीबत हो रही है. ऐसी मुसीबत आज से 50 साल पहले भी नहीं उठाई होगी. कोरोना काल के चलते हम बाहर भी नहीं जा सकते, ऐसे में सरकार का कोई भी अधिकारी और नेता तक देखने नहीं आया है.'

सब कुछ जलमग्न

कमला देवी रोते-रोते कहती हैं, 'बाबू बहुत दिक्कत है. ना मुखिया आएं है और ना ही कोई अधिकारी आया है. मिर्च का चोखा बनाकर खा रहे हैं. सरकार ने कहा था कि पैसा मिलेगा, लेकिन यहां सिर्फ कंट्रोल का चावल मिल रहा है.'

मनीषा कहती है, 'बच्चों को दूध नहीं मिल रहा है. किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है. साहब हम बहुत परेशान हैं. कुछ भी खाने को नहीं है.'

भगवानपुर प्रखंड के ये हाल
ईटीवी भारत लगातार ग्राउंड रिपोर्ट के माध्यम से बाढ़ पीड़ितों का दर्द दिखा रहा है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि भगवानपुर प्रखंड के बनकट गांव में कब तक प्रशासनिक मदद पहुंचती है. सरकार के ऐलान की 6 हजार की राहत राशि इन बाढ़ पीड़ितों को कब तक मिलती है और इनके रहने की व्यवस्था कब तक होती है.

क्या करें ये बाढ़ पीड़ित
Last Updated : Aug 20, 2020, 5:17 PM IST

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