सिवान:बिहार में एनआईए की टीम ने एक साथ कई जिलों में दबिश दी है. दरभंगा,मुजफ्फरपुर के साथ-साथ सिवान में भी एनआईए की छापेमारी चली. इस दौरान टीम ने 2 लोगों को हिरासत में लिया है. घटना के संबंध में बताया जाता है कि सिवान शहर के पटवाटोली मोहल्ले के निवासी राज मोहम्मद के घर पर अचानक बड़ी संख्या में एनआईए की टीम और पुलिस बल पहुंची थी.
पढ़ें-PFI Terror Module: बिहार समेत कई राज्यों के 17 ठिकानों पर NIA की रेड, दरभंगा, मुजफ्फरपुर में छापेमारी जारी
सिवान में NIA की छापेमारी:राज मोहम्मद के घर की घंटों तलाशी के बाद 2 लोगों को हिरासत में लेकर टीम अपने साथ चली गई, जिसके बाद से तरह-तरह के चर्चाओं का बाजार गर्म है. जिन दो लोगों को हिरासत में लिया गया है उनमें मो.जोहरम पिता सिराजुद्दीन मियां और उनके भतीजे राज मोहम्मद पिता मो मोहर्रम हैं. वहीं घर वाले कुछ भी बताने से बच रहे हैं.
कुछ माह पहले भी एक शख्स को ले गयी थी एनआईए: बता दें कि करीब 3 माह पहले भी एनआईए की टीम जोहराम के पुत्र सदाकत अली को अपने साथ ले गयी थी. जो आजतक प्राप्त सूचना के अनुसार एनआईए की हिरासत में ही है. वहीं घर वाले पूरी जानकारी देने इनकार कर रहे हैं. लेकिन बताया जाता है कि जम्मू कश्मीर से कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई थी और गिरफ्तार शख़्स से पूछताछ के बाद सदाकत अली के घर एनआईए पहुंची थी और गिरफ्तार कर ले गयी थी. आपको बता दें कि इस पूरे मामले पर सिवान एसपी शैलेश कुमार सिन्हा ने बताया कि किस मामले में गिरफ्तार कर ले जाया गया है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है.
"एनआईए की टीम ने किस मामले में गिरफ्तारी की है, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है. हमें अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है."-शैलेश कुमार सिन्हा,सिवान एसपी
कई जिलों में रेड:सिवान के अलावा एनआईए ने दरभंगा,मुजफ्फरपुर में भी छापेमारी की है. दरभंगा के नगर थाना क्षेत्र के उर्दू बाजार निवासी डेंटिस्ट शारिक रजा के यहां छापा मारा गया. साथ ही सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव के मोहम्मद महबूब के घर भी टीम पहुंची, महबूब से पूछताछ की जा रही है. वहीं मुजफ्फरपुर के चकिया में भी रेड मारा गया है.मोतिहारी में भी इससे पहले बीती रात को सज्जाद अंसारी नामक शख्स के यहां छापा मारा गया था.
फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल:दरअसल 14 जुलाई 2022 को पटना के फुलवारी शरीफ में पीएफआई के एक ट्रेंनिंग कैंप का पता लगने से हड़कंप मच गया था. एनआईए और एटीएस ने संयुक्त रूप से यहां छापेमारी की थी. इस दौरान 2047 को भारत को इस्लामिक देश बनाने को लेकर कई दस्तावेज हाथ लगे थे. उसके बाद से टीम लगातार मामले की जांच में जुटी है. एक के बाद एक इस पूरे मामले में बड़े खुलासे हुए. कई लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.