सिवान: सिवान में शहीद बबलू सिंह का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके घर लकड़ी नवीगंज के किशनपुरा (Kishanpura) पहुंचा लोगों की आंखें नम हो गईं. शहीद बबलू सिंह (Bablu Singh) की अंतिम यात्रामें बड़ी तादाद में स्थानीय निवासी शामिल हुए. शहीद की पार्थिव देह को नमन कर पैदल और वाहनों के काफिले के साथ चल रहे लोग शहीद बबलू सिंह अमर रहें और भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे.
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बबलू सिंह की राजस्थान के बीकानेर में पोस्टिंग थी जहां उनके कैंप में करंट लगने से उनकी हालत गंभीर हो गई. फिर उन्हें दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां वह अपनी जिंदगी की जंग हार गए. उसके बाद उन्हें उनके गांव किशनपुरा लाया गया. गांव में 'वंदे मातरम्' और 'बबलू सिंह अमर रहें' के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा. इस दौरान लोगों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे.
तीन दिनों से पति के शव के घर आने का इंतजार कर रही पत्नी विनीता देवी बार-बार बेसुध हो जा रही थीं. शहीद जवान बबलू सिंह अपने दो बड़ी बहनों का अकेला छोटे भाई थे. वे अपने पीछे 2 बेटी और एक बेटा छोड़ कर गए हैं. बड़ी बेटी सिमी कुमारी 15 साल की है, तो वहीं एक बेटा यश कुमार 12 साल का है जबकि सबसे छोटी बेटी शिल्पी कुमारी 8 साल की है.