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कुर्बानी के लिए तैयार हैं 'शाहरुख, सलमान और ऋतिक', कीमत उड़ा रही ग्राहकों के होश

सिवान के बकरा बाजार में 'शाहरुख, सलमान और ऋतिक' खरीददारों के बीच आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं. बता दें कि इनके मालिक मोहम्मद सोनू कुरैशी ने तीनों बकरों का नाम बॉलीवुड फिल्मों के कलाकारों के नाम पर रखा है.

'शाहरुख, सलमान और ऋतिक'

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Published : Aug 10, 2019, 9:46 PM IST

सिवान: सोमवार को बकरीद है. कुर्बानी के त्योहार को लेकर बकरा बाजार की रौनक में इन दिनों चार चांद लग गया है. लोग बकरा बाजार से अपनी मनपंसद के बकरे खरीद रहे हैं. वहीं, जिले के बकरा बाजार में 'शाहरुख, सलमान और ऋतिक' नाम का बकरा लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है.

बकरा बाजार

बाजारों में बढ़ी चहल-पहल
सिवान के पुरानी किला मोड़ पर लगी बकरा बाजार में चहल-पहल काफी बढ़ गई है. दरअसल बकरीद के अवसर पर कुर्बानी देने की प्रथा काफी प्राचीन है. लोग अपनी हैसियत के हिसाब से बाजारों में खरीदारी कर रहे हैं.

सिवान बकरा मंडी

महंगे बकरे बढ़ा रहे शोभा
वैसे तो बाजार में 6 हजार से लेकर 80 हजार तक के बकरे उपलब्ध हैं. लेकिन महंगे दाम वाले बकरे बाजार की शोभा बढ़ा रहे हैं. कुर्बानी को लेकर लोग अपने मनपसंद बकरे खरीदने में जुटे हुए हैं. वहीं, बाजार में कानपुर, लखनऊ के अलावा अन्य कई जगहों के बकरे भी उपलब्ध हैं.

बकरे खरीदते लोग

60 हजार में 'शाहरुख, सलमान और ऋतिक'
सिवान की बकरा बाजार में 'शाहरुख, सलमान और ऋतिक' खरीददारों के बीच आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं. बतादें कि इनके मालिक मो० सोनू कुरैशी ने तीनों बकरों का नाम बॉलीवुड फिल्मों के कलाकारों के नाम पर रखा है. वहीं, बाजार में सस्ते दामों के बकरे भी उपलब्ध हैं लेकिन 'शाहरुख, सलमान और ऋतिक' नाम के बकरों की कीमत 60 हजार रूपये रखी गई है. जिसके चलते खरीददारों को इन्हें खरीदने के लिए अपनी जेब कुछ ज्यादा ही ढीली करनी पड़ सकती है.

'शाहरुख, सलमान और ऋतिक'

बकरा खरीदारों की उमड़ी भीड़
बकरे की खरीदारी करने पहुंचे मोहम्मद इशरार ने कहा कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल बकरे की कीमत ज्यादा है. अबकी बाजार में 5 हजार से लेकर 80 हजार रुपये तक के बकरे बिक रहे हैं. उन्होंने कहा कि बकरीद में कुर्बानी करना फर्ज है, फिर महंगा हो या सस्ता बकरा तो लेना ही है.

सांकेतिक फोटो

बकरीद का महत्‍व
बता दें कि बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बान का दिन होता है. इस्लाम में गरीबों और मजलूमों का खास ध्यान रखने की परंपरा है. इसी वजह से बकरीद पर भी गरीबों का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस दिन कुर्बानी के बाद गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं.

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