सीतामढ़ी: जिले का एक मात्र उद्योग रीगा शुगर मिल का मनुष्यमरा नदी में कचरा छोड़े जाने के कारण वो पूरी तरह से दूषित और जहरीली हो गई है. जिससे इसका प्रभाव लोगों के साथ-साथ जीव जन्तुओं के जीवन पर पड़ रहा है.
जहरीले पानी से मवेशी हो रहे समाप्त
बता दें कि नदी में शुगर मिल की ओर से कचरा छोड़े जाने के लेकर किसान विगत 20 वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं. उनकी शिकायत है कि अब तक इस समस्या का निदान सरकारी स्तर से नहीं किया गया है. लिहाजा मिल प्रबंधन की मनमानी के कारण नदी के जलीय जीव खत्म हो रहे हैं. वहीं, इस जहरीले पानी के कारण उनकी फसलें खराब हो रही हैं और यदि वे अपने मवेशियों को इस पानी से नहलाते हैं तो उन्हें चर्म रोग हो जा रहा है.
20 वर्षों से किसान कर रहे आंदोलन
वर्ष 2000 से नदी के काले पानी को लेकर आंदोलन शुरू किया गया था. लेकिन 20 वर्ष बीत जाने के बावजूद इस समस्या का निदान नहीं हो सका है. इसलिए किसानों का सरकार और मिल प्रबंधन के प्रति आक्रोश व्याप्त है. जबकि नदी की उड़ाही और इसकी सफाई के लिए अब तक 62 करोड़ से अधिक की सरकारी राशि खर्च की जा चुकी है. वहीं, रीगा शुगर मिल के जीएम शशि गुप्ता ने बताया कि किसानों का आरोप बिल्कुल निराधार है. मिल का कोई भी कचरा नदी में नहीं छोड़ा जा रहा है.
डीएम ने दिए जांच के आदेश
मामले को डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने संज्ञान में लिया है और कहा है कि इसकी जांच के लिए अधिकारियों की 5 सदस्यीय टीम गठित की गई है. अगर जांच रिपोर्ट में ये बातें सामने आ जाती हैं तो मिल प्रबंधन के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.