सीतामढ़ी: शुक्रवार को इंडो-नेपाल सीमा लालबंदी के जानकी नगर के पास नेपाल सशस्त्र जवानों की ओर से फायरिंग के बाद आक्रोशित लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. स्थानीय लोगों ने नेपाल की सेना के कब्जे में कैद युवक की रिहाई की मांग की है. वहीं, सशस्त्र सीमा बल के डीजी कुमार राजेश चंद्र ने इस पूरे घटनाक्रम का जायजा लिया. साथ ही मामले को अनुसंधान का विषय बताया.
सशस्त्र सीमा बल के डीजी कुमार राजेश चंद्र ने कहा कि इंडो-नेपाल बॉर्डर पर जो भी विवाद हुआ, काफी लोकल विवाद है. नेपाल की एक बहू अपने परिजनों से भारत के सीमा के पास पहुंचकर आपस में बातचीत कर रहे थे. तभी नेपाल के गश्ती दल ने लोगों को वहां से जाने को कहा. नेपाल के जवानों ने कहा कि अभी यहां 14 जून तक लॉकडाउन लागू है, यहां से चले जाए. डीजी ने आगे कहा कि इस बीच ग्रामीणों और नेपाल जवानों के बीच बहस हो गई. इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने फोन अन्य ग्रामीणों को इकठ्ठा कर लिए. एसएबी डीजी ने कहा कि इस बीच महिला तो चली गई. लेकिन वहां मौजूद लोगों की नेपाल पुलिस से झड़प हो गई. उन्होंने कहा कि नेपाल की तरफ से कहा गया कि पहले उन्होंने 10 राउंड हवाई फायरिंग की. लेकिन लोगों के नहीं मानने पर 5 राउंड की. जिसमें लोग घायल हुए.
दरअसल, घटना में 1 भारतीय की मौत हो गई थी. जबकि 1 युवक नेपाल की सेना के कब्जे में है और अन्य 2 गंभीर हालत में इलाजरत हैं. गोलीबारी के बाद से बार्डर पर तनाव व्याप्त है. सीमा पर तनाव के बीच ईटीवी भारत संवाददाता घटनास्थल पर पहुंचे और स्थानीय लोगों से मामले की जानकारी ली. ताजा जानकारी मुताबिक नेपाल में कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन के बीच एक मां शैलेंद्र देवी नेपाल से भारत अपनी बेटी अहिल्या देवी से मिलने आई. इस दौरान नेपाल की पुलिस ने उसे रोका. इस पर वहां खेत में काम कर रहे मजदूरों ने आपत्ति जताई. धीरे-धीरे मामला बढ़ गया और नेपाल के जवानों ने गोली चला दी.