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रीगा चीनी मिल बंदी के कगार पर, डर और भय से काम छोड़ भाग रहे अधिकारी - crushing in sitamarhi riga sugar mill

1950 से संचालित जिले का एकमात्र उद्योग रीगा चीनी मिल के संचालन में कई तरह की समस्याएं आ रही है. यह चीनी मिल कई महीने से कर्मचारी यूनियन और आर्थिक विसंगतियों के कारण बंद पड़ा है. चीनी मिल के महाप्रबंधक शशि गुप्ता का आरोप है कि तथाकथित यूनियन के नेताओं द्वारा मील में दहशत का माहौल कायम किया गया है.

sitamarhi riga sugar mill
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Published : Dec 22, 2020, 5:47 PM IST

सीतामढ़ी: रीगा चीनी मिल का काम बंद पड़ा है. इसके पीछे की वजह बतायी जा रही है कि धीरे-धीरे करके अधिकारी यहां से काम छोड़कर भाग रहे हैं. चीनी मिल के महाप्रबंधक शशि गुप्ता का कहना है कि तथाकथित यूनियन के नेताओं द्वारा मिल में दहशत का माहौल कायम कर दिया गया है. जिस कारण चीनी मिल हाउस के मैनेजर, ब्वॉयलिंग हाउस मैनेजर और क्वालिटी मैनेजर सहित अन्य कर्मचारी अपने परिवार के साथ काम छोड़कर जा चुके हैं.

'बरसों से यह चीनी मिल, कर्मचारी यूनियन नेताओं के असहयोगात्मक रवैये और आर्थिक विसंगतियों के कारण बीमार हो चुका है. मिल को सुचारू रूप से संचालित करने और समस्या के समाधान के लिए कई बार गुहार लगायी गई. अब तक कई बार केंद्रीय मंत्री, स्थानीय सांसद और विधायक से लिखित अनुरोध किया जा चुका है, लेकिन समस्या का समाधान अबतक नहीं निकला. लिहाजा यह उद्योग हमेशा के लिए बंद होने के कगार पर खड़ा है.'- शशि गुप्ता, महाप्रबंधक,रीगा चीनी मिल

पेराई का काम अब तक नहीं हुआ शुरू

कर्मचारी, अधिकारी काम छोड़ भाग रहे
तथाकथित यूनियन के अंदर 15 ऐसे लोग शामिल थे, जिन्हें चिन्हित कर टर्मिनेट कर दिया गया है. उन्हीं 15 लोगों के द्वारा चीनी मिल के कर्मचारियों को काम पर आने से रोका जा रहा है. साथ ही मिल के अंदर दहशत का माहौल कायम किया गया है. जिसकी वजह से अधिकारी और कर्मचारी काम छोड़ कर जा रहे हैं.

बंदी के कगार पर मिल
चीनी मिल के संचालन के लिए सभी तरह के कच्चे माल मंगा लिए गए हैं. अगर 5 जनवरी तक चीनी मिल का संचालन नहीं हुआ तो यह चीनी मिल हमेशा के लिए बंद हो जाएगा. इसके बंद होने से 3 जिलों के हजारों गन्ना किसान और सैकड़ों कर्मचारियों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी.

देखें रिपोर्ट

पेराई का काम अब तक नहीं हुआ शुरू
प्रत्येक साल दिसंबर माह में नए पेराई सत्र का शुभारंभ हो जाता था, लेकिन इस बार तथाकथित यूनियन और आर्थिक विसंगतियों के कारण अब तक पेराई सत्र का शुभारंभ नहीं किया जा सका है. लिहाजा 3 जिलों के किसान अपने गन्ने को दूसरे चीनी मिल में पहुंचा रहे हैं. अगर 5 जनवरी तक मिल का संचालन नहीं हो पाया तो यह चीनी मिल हमेशा के लिए बंद हो जाएगा.

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