सीतामढ़ी से करीब से जुड़े थे रघुवंश बाबू, कर्मभूमि में शोक की लहर - राजद
डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर उनकी कर्मभूमि सीतामढ़ी जिले में शोक की लहर है. 1969 से 1974 तक जिले के गोयनका कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर रहते हुए छात्र छात्राओं को गणित पढ़ाया. वहीं, 1977 में पहली बार बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने गए.
सीतामढ़ी: गरीबों, दबे कुचले और शोषितो के मसीहा समाजवादी नेता डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर उनके कर्म भूमि सीतामढ़ी जिले में शोक की लहर है. स्वर्गीय डॉक्टर रघुवंश बाबू का जन्म 6 जून 1946 को वैशाली जिले के शाहपुर गांव में हुआ था. उन्होंने एलएस कॉलेज और राजेंद्र कॉलेज से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद गणित विषय से पीएचडी की डिग्री ली. उसके बाद उन्होंने 1969 से 1974 तक जिले के गोयनका कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर रहते हुए छात्र छात्राओं को गणित पढ़ाया. पहली बार शिक्षक आंदोलन के दौरान 1970 में जेल गए और पहली बार 1977 में सीतामढ़ी के बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने.
1977 में पहली बार बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने गए. कर्पूरी ठाकुर की सरकार में उन्हें बिजली मंत्री का पद मिला, मंत्री पद पर रहते हुए रघुवंश बाबू ने अपने कार्यकाल में बेलसंड विधानसभा क्षेत्र के कई गांव में बिजली पहुंचाने का काम किया. विद्वान, सौम्य, शांत और ईमानदार समाजवादी नेता रघुवंश बाबू के सानिध्य में रहने वाले कई स्थानीय जनप्रतिनिधि का बताना है कि रघुवंश बाबू काफी ईमानदार जनप्रतिनिधि थे. अपने क्षेत्र की जनता के हर सुख दुख में शामिल हुआ करते थे. उनके कार्यकाल में विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में सड़क और बिजली पहुंचाने का काम हुआ था.
- स्वर्गीय डॉक्टर रघुवंश बाबू 1973 से 1977 तक संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी सीतामढ़ी जिला के सचिव के पद पर आसीन रहे.
- 1977 में पहली बार बेलसंड के विधायक चुने गए.
- 1977 से 1979 तक बिहार सरकार में मंत्री थे.
- 1990 में डिप्टी स्पीकर विधानसभा बनाए गए.
- 1991 से 1994 तक विधान पार्षद और सदन के उप नेता रहे.
- 1994 से 1995 तक विधान परिषद में कार्यकारी सभापति रहे.
- 1995 से 1996 तक राज्य सरकार में आपदा, बिजली और पुनर्वास विभाग के मंत्री रहे.
- 1996 में वैशाली से लोकसभा चुनाव जीते और 1998 तक राज्य मंत्री के पद पर रहे.
- 1998 में दुबारा और 1999 में तीसरी बार चुने गए.
- 2004 में चौथी बार लोकसभा पहुंचे और 5 साल ग्रामीण विकास मंत्री रहे.
- उसके बाद 2009 में 15वीं लोकसभा के लिए वैशाली से पांचवी बार सांसद चुने गए.
- सीतामढ़ी जिला रघुवंश बाबू का 31 सालों तक कर्मभूमि रहा.