बिहार

bihar

Caste Census In Bihar: 'जातीय गणना के अनुसार सरकार में पिछड़ों और अति पिछड़ों को मिले भागीदारी'- प्रशांत किशोर

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 18, 2023, 3:31 PM IST

जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद से लगातार बिहार की राजनीति गरमायी हुई है. पहले तो जातीय गणना के आंकड़ों के सही होने पर सरकार पर हमला किया गया. अब जातीय गणना के अनुसार पिछड़ा और अति पिछड़ा को भागीदारी देने की मांग उठ रही है. सीतामढ़ी में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के सामने ऐसी ही मांग रखी. पढ़ें, विस्तार से.

प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज
प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज.

प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज.

सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले में बुधवार को जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने सरकार पर जमकर हमला बोला. शहर के गोयनका कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार ने जो जाति गणना करवायी है, उसके अनुसार पिछड़े और अति पिछड़ों को सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलना चाहिए. प्रशांत किशोर ने कहा कि अति पिछड़ों और पिछड़ों को पथ निर्माण, शिक्षा, वित्त और स्वास्थ्य विभाग जैसे मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जाए.

इसे भी पढ़ेंःCaste Census Report: 'BJP के कमंडल पर जातीय गणना की रिपोर्ट भारी'- ललन सिंह


"पिछले 32 सालों से घुमा फिरा कर बिहार की बागडोर लालू यादव और नीतीश कुमार के ईद गिर्द घूम रही है. जातीय गणना करवा कर नीतीश कुमार वाहवाही लूटने में लगे हैं. लेकिन, क्या नीतीश कुमार जाति गणना के अनुसार जिस जाति की जितनी जनसंख्या है उसके अनुसार आने वाले लोकसभा चुनाव में पिछड़ों और अति पिछड़ों को उनका हक दिलवा पाएंगे."- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

बिहार में शिक्षा व्यवस्था चौपटः प्रशांत ने कहा कि सरकार कह रही है कि नियोजित शिक्षकों के कारण बिहार में पढ़ाई ठीक से नहीं हो रही है. लेकिन, 30 साल से शिक्षा को लेकर सरकार की जो नीति है वह ठीक नहीं है. सरकार ने जगह-जगह विद्यालय के लिए नई बिल्डिंग तो बना दिए हैं लेकिन शिक्षक नहीं है और जहां शिक्षक है वहां बिल्डिंग नहीं है. कहीं-कहीं शिक्षक और बिल्डिंग है तो बच्चे नहीं है. सरकार की इसी नीति के कारण बिहार में शिक्षा व्यवस्था चौपट है.

बिहार से लोग कर रहे हैं पलायनः प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण बिहार के प्रतिभाशाली युवा बिहार को छोड़कर पलायन करने पर मजबूर हैं. प्रशांत ने कहा कि उन्होंने बिहार के 39000 गांव का दौरा किया जहां तकरीबन 40 से 50% युवा रोजगार के लिए बिहार से पलायन कर चुके हैं. यह सिर्फ गरीबों की समस्या नहीं है मध्यमवर्गीय परिवार के लोग भी रोजगार को लेकर बिहार से पलायन कर चुके हैं. स्थिति यह है कि माता-पिता, पति-पत्नी और बच्चे एक साथ नहीं रह रहे है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details