सीतामढ़ी:जिला में जागरूकता और शिक्षा की कमी के कारण हजारों लोग एड्स जैसी जानलेवा बीमारी से पीड़ित हैं. जिसमें पुरुष, महिला, बुजूर्ग के अलावे सैकड़ों बच्चे भी शामिल हैं. यह चिंता का विषय है. 6 वर्षो के अंदर इस रोग से पीड़ित करीब 850 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है.
जिले में इस बिमारी के लिए एआरटी सेंटर का संचालन 1 दिसंबर 2012 को शुरू किया गया था. तब से अब तक इस सेंटर पर इलाज करवाने वाले मरीजों की संख्या 5109 पहुंच चुकी है. इसमें 2748 पुरुष, 2005 महिला, 2 ट्रांसजेंडर, 234 चाइल्ड मेल और 120 चाइल्ड फीमेल शामिल हैं. वहीं, दवा सेवन नहीं किए जाने के कारण 117 और दवा खाते हुए 691 लोगों की इस बीमारी से विगत 6 वर्षों में मौत हो चुकी है. चिकित्सा से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंकड़ा नियमित दवा सेवन और जांच कराने वाले मरीजों का है. लेकिन इससे कहीं अधिक संख्या उन मरीजों की होगी जो दूसरे प्रदेशों में काम करते हैं. लोक लाज के कारण अपना इलाज उसी प्रदेशों में करा रहे हैं. जिसका समुचित आंकड़ा जिला के एआरटी सेंटर में उपलब्ध नहीं है.
मरीजों को नहीं मिल रहा प्रोत्साहन राशि
एआरटी सेंटर पर नियमित दवा और जांच करवाने वाले मरीजों की शिकायत है कि उनको सरकार की ओर से प्रति माह मिलने वाला 1500 रुपये प्रोत्साहन राशि समाज कल्याण विभाग द्वारा नहीं दिया जा रहा है. हालांकि सेंटर से जुड़े कर्मियों का बताना है कि वर्ष 2012 से अब तक केवल 300 मरीजों को समाज कल्याण विभाग ने 6000 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में भुगतान किया है. जो केवल 4 माह का ही प्रोत्साहन राशि होता है. इसके अलावा सभी मरीज प्रोत्साहन राशि से अब तक वंचित हैं.
बेहतर इलाज के लिए बेहतर सेंटर का अवार्ड