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सीतामढ़ी: बदहाली के आंसू बहा रहा अस्पताल, मरीज नहीं यहां भरा है भूसा

बलुआ गांव में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा नही मिल रही है. लोग इलाज के लिए निजी क्लिनिकों पर भरोसा कर रहे हैं.

अस्पताल बना भूसा घर

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Published : Aug 21, 2019, 8:07 PM IST

सीतामढ़ी: प्रदेश सरकार भले ही स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करती हो, लेकिन असल हकीकत कुछ और है. इसी बीच एक अस्पताल की ऐसी तस्वीर आई है जो सबको हैरान कर देगी. जहां अस्पताल का भवन इलाज के नहीं भूसा रखने के काम आ रहा है.

यह पूरा मामला जिले के कन्हौली थाना क्षेत्र के बलुआ गांव का है. जहां जर्जर अस्पताल भवन में अब लोगों ने कब्जा कर लिया है और भूसा रख रहे हैं. कागजों में तो यह अस्पताल है. जो सरकारी दावे के लिए काफी है, लेकिन असल में यहां के लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है.

बदहाली की इस तस्वीर पर जब गांववालों से हमने इसका कारण पूछा तो उनका जवाब था कि सरकारी अस्पताल के नाम पर यहां लोगों को कोई इलाज नहीं मिलता था. डॉक्टर और नर्स आते ही नहीं थे. इसलिए नाराज लोगों ने भवन पर ताला जड़ दिया. जिसके बाद लोगों ने यहां घास-भूसा रखना शुरू कर दिया...

अस्पताल बना भूसा घर

सरकारी अस्पताल पर नहीं है भरोसा
दरअसल पहले एक जर्जर भवन में अस्पताल चल रहा था. जिसके बाद सरकार ने बेहतर सुविधा के लिए नए भवन का निर्माण कराया, लेकिन नया भवन बनने के बाद अस्पताल यहां शिफ्ट नहीं हुआ. जिसका नतीजा है कि अब यहां घास-भूसा रखा जाने लगा है.

अस्पताल भवन में भरा भूसा

प्राइवेट क्लिनिक पर भरोसा
बलुआ गांव की आबादी 10 हजार है, स्वास्थ्य को लेकर लोगों को निजी अस्पताल या क्लिनिक का ही सहारा लेना पड़ता है. गांव वालों की मानें तो यहां इलाज के नाम पर कुछ भी नहीं होता. उनका कहना है कि अब वह सरकार की झूठी दिलासा से ऊब गए हैं लिहाजा उन्हें प्राइवेट में इलाज कराना पड़ता है..

भूसा घर

जिलाधिकारी कराएंगे जांच
वहीं जिलाधिकारी डॉक्टर रंजीत कुमार सिंह अस्पताल को भूसा बनाने पर मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में है जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.

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