सीतामढ़ी:जिले का एकमात्र संचालित उद्योग रीगा शुगर मिल के चेयरमैन ओमप्रकाश धानुका ने मिल के संचालन के लिए अपनी निजी संपत्ति और आवास तक बेच डाली. मिल के महाप्रबंधक शशि गुप्ता ने बताया कि ओमप्रकाश धानुका ने यह कदम सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिलों के गन्ना किसानों के लिए उठाया.
चीनी मिल का इतिहास
रीगा शुगर मिल की स्थापना 1933 में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान जेम्स फिनले नामक अंग्रेज ने किया था. उस समय इस मिल की क्षमता 8 टन टीसीडी थी. 26 जनवरी 1950 को ओमप्रकाश धानुका ने इस मिल को अंग्रेजों से टेकओवर किया. उन्होंने इस 8 टन क्षमता वाली फैक्ट्री को 55 हजार टन टीसीडी क्षमता की उद्योग की श्रेणी में खड़ा कर दिया. इसके अलावा सभी पुराने कलपुर्जे बदल दिए गए. मिल के बेहतरीन संचालन लिए केरल, मेरठ और फरीदाबाद से अनुभवी कर्मियों को बुलाकर नियुक्त किया गया है. साथ ही बेहतरीन प्रोडक्शन के लिए कई तकनीकी बदलाव किए गए हैं.
मिल में आर्थिक तंगी
सूत्रों के अनुसार 2013, 2014, 2015 और 2017 में लगातार प्राकृतिक आपदा झेलने के बाद इस मिल को करोड़ों का नुकसान हुआ. हाल के 2-3 सालों में मिल में आई आर्थिक तंगी की वजह से किसानों सहित कर्मियों के वेतन भुगतान में भी विलंब हुआ. साथ ही रिपेयर मेंटेनेंस भी प्रभावित हुआ.