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अनियमितता के सवाल पर भड़के इंजीनियर ने ETV भारत संवाददाता का छीना मोबाइल, फर्जी केस की दी धमकी - engineer snatched mobile

कार्यपालक अभियंता के इस व्यवहार से स्थानीय ग्रामीण बेहद नाराज हैं. दोषी कार्यपालक अभियंता के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं, जेडीयू जिलाध्यक्ष ने कहा कि इसकी लिखित शिकायत जल संसाधन मंत्री से करेंगे. ताकि दोषी कार्यपालक अभियंता के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सके.

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Published : Jul 21, 2020, 12:47 PM IST

सीतामढ़ी: जिले में जल संसाधन विभाग और संवेदक की मिलीभगत से बाढ़ पूर्व मरम्मती का काम अब तक नहीं किया जा सका है. जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी मरम्मत नहीं होने से रेन कट और सुरंग 2 दिनों की भारी बारिश में ज्यादा खतरनाक बन गया है. सौली रुपौली में मरम्मत का काम शुरू नहीं होने से ग्रामीणों को तटबंध टूटने का खतरा सता रहा है. वहीं, मरम्मती काम में देरी और अनियमितता के सवाल पर जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता ने ईटीवी भारत संवाददाता का मोबाइल छीन लिया.

कार्यपालक अभियंता श्रीनिवास कुमार ने आगबबूला होते हुए मोबाइल छीन अभद्रता की. झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी. हालांकि डीएम के हस्तक्षेप के बाद पत्रकार का मोबाइल वापस किया गया. मौके पर मौजूद ग्रामीण कार्यपालक अभियंता से बांध की पर सुरंग वाले स्थल को देखने की गुहार लगाते रहे, लेकिन कार्यपालक अभियंता ग्रामीणों को धमकाते हुए क्षतिग्रस्त स्थल का जायजा लिए बगैर रवाना हो गए.

कार्यपालक अभियंता के खिलाफ ग्रामीणों में नाराजगी

ग्रामीणों ने की लिखित शिकायत

कार्यपालक अभियंता द्वारा मोबाइल छीने जाने और हाथापाई करने के संबंध में जिला अधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा और एसडीओ रामानुज प्रसाद सिंह से ग्रामीणों द्वारा लिखित शिकायत की गई है. जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच करा कर आगे की कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. वहीं, कार्यपालक अभियंता ने दादागिरी को छुपाने के लिए पत्रकार और ग्रामीणों के खिलाफ फर्जी मुकदमा करने की धमकी दी है. स्थानीय विधायक प्रतिनिधि और जेडीयू जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने पत्रकार और ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार को दुखद बताया है.

देखें रिपोर्ट

एसडीओ ने लगाई थी रोक

बता दें कि सौली रुपाली तटबंध की मरम्मती का काम वैशाली जिले के संवेदक बबलू कुमार को दिया गया है. संवेदक का कहना है कि तटबंध में बने रेन कट को मरम्मत के लिए कम से कम 8 हजार बोरे की जरुरत है. लेकिन बागमती अवर प्रमंडल की तरफ से मात्र 3 हजार बोरा दिया गया है. जिसमें बालू की जगह खुलेआम मिट्टी की भराई किया गया है. वहीं, बागमती अवर प्रमंडल के एसडीओ अजय कुमार ने आपत्ति जताते हुए बोरा भराई पर रोक लगा दी थी. बावजूद इसके संवेदक ने सरकारी निर्देशों को ताक पर रखकर बोरे में बालू की जगह मिट्टी भर कर रख दिया. दोषी संवेदक पर विभागीय कार्रवाई करने के बजाए काम करने दिया जा रहा है.

बोरा में बालू की जगह मिट्टी भरते मजदूर

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