सीतामढ़ी: लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को लगातार उनके जिले लाया जा रहा है. राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को अन्य प्रदेशों में फंसे श्रमिकों को अपने-अपने गृह जिले में लाने को लेकर पहले से ही तैयारी करने का निर्देश दिया था, लेकिन जिले के कुछ क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर श्रमिकों ने सुविधाओं के घोर अभाव का आरोप जिला प्रशासन पर लगाया है.
श्रमिकों ने की नारेबाजी
रीगा के बुलाकीपुर क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रखे गए श्रमिकों ने सोमवार को जिला प्रशासन और सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें समय से खाना नहीं दिया जा रहा है. उन्हें पौष्टिक आहार भी नहीं दिया जा रहा है. श्रमिकों का आरोप है कि कोई भी अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं आ रहा है.
अनशन पर बैठे श्रमिक
बुलाकीपुर क्वॉरेंटाइन सेंटर पर श्रमिक अनशन पर बैठ गए हैं. वहीं, श्रमिकों ने जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि उन्हें जेल की तरह यहां रहना पड़ रहा है. शौचालय की भी व्यवस्था ठीक नहीं है. इसकी शिकायत करने के बावजूद प्रशासन इसको लेकर कोई उपाय भी नहीं कर रहा है. उन्हें दोनों टाइम खाने के लिए चावल-दाल और चिवड़ा दिया जा रहा है.
महिला और पुरुष एक ही जगह
क्वॉरेंटाइन सेंटर पर देश के अन्य प्रदेशों से आई हुईं महिला श्रमिक और पुरुष श्रमिकों को एक ही साथ एक ही क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है. इसको लेकर श्रमिकों में भारी आक्रोश है.
डुमरा सीओ सस्पेंड
क्वॉरेंटाइन सेंटर पर अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने डुमरा सीओ समीर कुमार को निलंबित कर दिया. वहीं, अपर समाहर्ता अविनाश कुमार को डुमरा सीओ की कमान सौंपी गई. बता दें कि डुमरा सीओ के विरुद्ध रविवार को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे एक श्रमिक ने रोटी की एक तस्वीर खींचकर डीएम के व्हाट्सएप पर भेजी थी. श्रमिक ने कहा था कि डुमरा सीओ श्रमिकों को जली हुई रोटी खिला रहे हैं.