शेखपुरा:शेखोपुरसराय प्रखंड के बेलाव पंचायत (Belav Panchayat) के पनयपुर गांव की भोली भाली जनता ने अपने नेताओं पर आंख बंद करके भरोसा किया. लेकिन बदले में मिला क्या? वही बदहाली और गरीबी से जूझती जिंदगी. अब इस गांव के लोगों में काफी आक्रोश है. अपने मुखिया की लापरवाही (Negligence of mukhiya) और रिश्वतखोरी से परेशान गांव के लोगों ने उनका स्वागत फूल मालाओं की जगह अब जूते और चप्पल से करना शुरू कर दिया है.
ये भी पढ़ेंःविद्यालय में मनरेगा योजना से काम कराने के लिए दो बार निकाली राशि और कर लिया गबन
दरअसल गांव के लोग जब अपने मुखिया से पुल और सड़क बनवाने की बात करते हैं तो ये महाशय, बदले में लाखों रुपये की मांग कर देते हैं . मुखिया की ये नाजायज ख्वाहिश जब पूरी नहीं हुई तो उन्होंने बीच में ही गली-नाली का काम बंद कर दिया. तब से लेकर आज तक यहां ना सड़क बनी ना पुल. अब बरसात ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है. थक-हारकर ग्रामीणों ने खुद अपने खर्च पर बांस का चचरी पुल बनाया.
गांव के मुखिया पिंटू रविदास और उसके प्रतिनिधि अनिल कुमार के द्वारा ग्रामीणों से काम के बदले कमीशन की मांग करते हुए वीडियो भी वायरल हुआ. जिसके बाद यहां हंगामा मचा हुआ है. ग्रामीण मुखिया के खिलाफ एकजुट होकर आवाज बुलंद कर रहे हैं. वहीं, मुखिया प्रतिनिधि अनिल प्रसाद पर भी ग्रामीण वोट के बदले नोट और शराब देने का आरोप लगा रहे हैं. पनयपुर के ग्रामीणों ने मुखिया और उसके प्रतिनिधि अनिल प्रसाद का विरोध जताते हुए गांव के प्रवेश द्वार के रास्ते में उनके स्वागत के लिए चप्पल और जूते की बेरिकेडिंग लगा रखी है.
'पिछले 20 वर्ष में यहां किसी मुखिया के द्वारा गली नली का कार्य नहीं किया गया है. हम लोग कीचड़ से होकर गुजरने पर मजबूर हैं. पिछले पांच वर्षों से पिंटू रविदास यहां के मुखिया हैं और उससे पहले उनके प्रतिनिधि अनिल प्रसाद मुखिया रह चुके हैं. लेकिन इन लोगों ने गांव में किसी तरह का कोई विकास कार्य नहीं किया. जिसकी वजह से गांव की मुख्य सड़क कीचड़ में तब्दील है. इस बार गली-नली निर्माण हेतु राशि का आवंटन हुआ, लेकिन ये कार्य भी कमीशन के चक्कर में अधर में लटका हुआ है'- वार्ड सदस्य