शेखपुरा: मैट्रिक परीक्षा के बाद इंटरमीडिएट में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन (Online Application) लिए जाते हैं. जिसके बाद अभ्यर्थी बिहार बोर्ड के निर्देश पर किसी कॉलेज या +2 विद्यालय में अपना नामांकन लेते हैं. लेकिन नामांकन के एक वर्ष बाद कॉलेज प्रशासन (college administration) ने एक छात्रा को उसके एडमिशन होने की बात से पूरी तरह से इंकार कर दिया.
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पूरा मामला बरबीघा स्थित श्री कृष्ण रामरुचि कॉलेज का है. जहां पिछले साल तय समय पर रिया कुमारी ने इंटर साइन्स में एडमिशन कराया था. लेकिन जब रजिस्ट्रेशन कराने की बात आई तो कॉलेज प्रशासन ने छात्रा को बताया कि आपका नामांकन पिछले साल ही रद्द कर दिया गया था.
इस बात को सुनते ही रिया कुमारी के कदमो तले जमीन खिसक गई. वो एक साल बर्बाद होने की खबर से हतोत्साहित हो गयी. अब रिया कुमारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है. कॉलेज प्रशासन की मनमानी के कारण इसका खमियाजा एक होनहार विद्यार्थी को उठाना पड़ रहा है.
इस मामले में सुनील शर्मा की पुत्री रिया कुमारी ने बताया कि नामांकन के वक़्त उसने सभी दस्तावेज जमा कर दिए थे. जिसके बाद नामांकन और अन्य शुल्क की राशि जमा कर पावती रसीद भी दी गई. रिया कुमारी ने बताया कि उसने मैट्रिक परीक्षा महाराष्ट्र राज्य से पास की थी. माइग्रेशन सार्टिफिकेट कुछ दिनों के बाद जमा करने को कहा गया था. लेकिन जब रजिस्ट्रेशन करने की बात आई तो कॉलेज प्रशासन ने एडमिशन रद्द होने की बात बताकर पूरी तरह से पल्ला झाड़ रही है.
वहीं, एसआरके कॉलेज के प्रधानाचार्य नवल प्रसाद ने अपना ठीकरा छात्रा पर ही फोड़ते हुए कहा कि रिया द्वारा गलत तरीके से आरक्षण के विरुद्ध नामांकन करवाया था. जिसके बाद 24 घंटे के अंदर ही पूरे मामले की जांचकर उसका नामांकन रद्द कर दिया था.
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प्रधानाचार्य ने बताया कि रिया कुमारी के सर्टिफिकेट पर कुछ और नाम अंकित है और नामांकन के वक़्त भी उसके द्वारा आरक्षण में दी गयी जानकारी गलत निकली. जिसके बाद उसका नामांकन रद्द किया गया. हालांकि उसको चालू वर्ष में नामांकन दाखिल करने का उपाय बताया गया था, लेकिन वो तैयार नहीं हुई.