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विश्व एड्स दिवस पर शेखपुरा सदर अस्पताल से निकाली गई जागरूकता रैली, सिविल सर्जन ने दिखाई हरी झंडी

Awareness Rally On World AIDS Day: विश्व एड्स दिवस पूरे देश में मनाया जा रहा है. बिहार के शेखपुरा में भी विश्व एड्स दिवस को लेकर सदर अस्पताल से जागरूकता रैली निकाली गई. इस दौरान लोगों को बैनर के माध्यम से जागरूक किया गया.

विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता रैली
विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता रैली

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 1, 2023, 5:46 PM IST

शेखपुरा सदर अस्पताल से निकाली गई एड्स जागरूकता रैली

शेखपुरा: विश्व एड्स दिवस पर शेखपुरा सदर अस्पताल से एड्स जागरूकता रैली निकाली गई. सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखा कर जागरूकता रैली को रवाना किया. इस मौके पर डीपीएम दया निधि शंकर, अस्पताल प्रबंधक धीरज कुमार, डीएस डॉ. नौशाद आलम, प्रभास पांडे, स्वास्थ्य कर्मी, एएनएम, जीएनएम और पारामेडिकल स्टाफ मौजूद रहे.

लोगों को एड्स के प्रति जागरूक: बता दें कि यह रैली सदर अस्पताल से निकलकर पटेल चौक तक गई. सिविल सर्जन खुद इस रैली में शामिल रहे. इस दौरान बैनर के माध्यम से लोगों को एड्स के प्रति जागरूक किया गया. बताया गया कि कमाने-खाने के लिए महानगर जाने वाले लोग वहां से एचआईवी का संक्रमण भी अपने साथ ला रहे हैं.

सिविल सर्जन ने रैली को दिखाई हरी झंडी

हर महीने औसतन तीन संक्रमित: जिला में तेजी से फैल रहे इस संक्रमण का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि महज 9 लाख की आबादी वाले छोटे जिले में प्रत्येक महीने औसतन तीन नए एचआईवी संक्रमितों की पहचान हो रही है. बता दें कि यह आंकड़ा सरकारी स्वास्थ्य विभाग का है. देखा जाए तो आधे से भी कम लोग एचआईवी की जांच कराते हैं.

जिला में 414 संक्रमित मरीज:शेखपुरा जिला में अभी एचआईवी के 414 संक्रमित रोगी हैं, जिसमें दो तिहाई पुरुष हैं. इन 414 संक्रमितों में 395 सामान्य महिला और पुरुष के साथ 19 गर्भवती महिला भी संक्रमित हैं. संक्रमितों में आधा दर्जन बच्चे भी शामिल हैं, जो अपनी संक्रमित माताओं की वजह से इस संक्रमण को झेल रहे हैं.

इस साल 35 संक्रमितों की पुष्टि: इस कैलेंडर वर्ष में अब तक 35 संक्रमितों की पहचान हुई है, जिसमें 19 पुरुष और 16 महिला हैं. इसमें 3 गर्भवती तथा 4 बच्चे भी शामिल हैं. चालू कैलेंडर वर्ष में एचआईवी संक्रमितों का यह आंकड़ा मात्र 8494 लोगों की जांच में सामने आया है, जो भविष्य की भयावह तस्वीर प्रस्तुत कर रही है.

"लगातार जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को एड्स की जांच कराने के लिए प्रेरित किया जाता है. जो भी एड्स से ग्रसित होते हैं, उनका इलाज किया जाता है. किंतु इसका पूर्णता इलाज संभव नहीं है, इसलिए लोग हमेशा दवाई खाते रहे तो इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है."- डॉ अशोक कुमार सिंह, सिविल सर्जन

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