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सारण: शिक्षक ने नदी में छलांग लगाकर की खुदकुशी, बाइक से हुई पहचान

सोमवार की रात में सूर्यकांत की अपनी पत्नी से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई. सुबह होते ही शिक्षक अपनी बाइक लेकर मढ़ौरा निकल गया. जहां उन्होंने डबरा नदी के पुल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली.

मृतक शिक्षक

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Published : Oct 24, 2019, 11:38 PM IST

सारण:जिले के इसुआपुर थाना क्षेत्र में स्थानीय मिडिल स्कूल के शिक्षक सूर्यकांत प्रसाद ने सुसाइड कर लिया है. उन्होंने नदी में छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली. उनके खुदकुशी करने का कारण पारिवारिक कलह बताया जा रहा है.

घटना के बारे में बताया जाता है कि सोमवार की रात में सूर्यकांत की अपनी पत्नी से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई. सुबह होते ही शिक्षक अपनी बाइक लेकर मढ़ौरा निकल गया. जहां डबरा नदी के पुल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं, शाम तक शिक्षक के अपने घर नहीं पहुंचने पर घरवालों ने काफी खोजबीन की. लेकिन कोई पता नहीं चला.

मृतक शिक्षक का पुत्र

गुमशुदगी का मामला कराया दर्ज
बुधवार की सुबह किसी ने घरवालों को सूचना दिया कि मढ़ौरा थाना क्षेत्र के डबरा नदी पर बने पुल के पास से पुलिस को एक लावारिश बाइक मिली है. सूचना मिलने के बाद परिजन आनन-फानन में थाना पहुंचे. परिजानों ने बाइक की पहचान तो की लेकिन शिक्षक का पता नहीं चल पाया. शिक्षक के पिता परशुराम साह ने स्थानीय थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज करा दिया.

मृतक शिक्षक की पत्नी

पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा सदर अस्पताल
मामला दर्ज होने के बाद मढ़ौरा पुलिस ने अपने छानबीन शुरू कर दी. इसी दौरान पुलिस को शिक्षक का शव नदी में तैरते दिखा. जिसकी सूचना पुलिस ने शिक्षक के घर वालों को दिया. मौके पर पहुंचे परिजनों ने शव की पहचान सूर्यकांत प्रसाद के रूप में की. जिसके बाद परिजनों और गांव में कोहराम मच गया. वहीं, अमनौर पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया.

शिक्षक ने डबरा नदी के पुल से छलांग लगाकर की आत्महत्या

कार्य करने को लेकर बनाया जा रहा था दबाव
मृतक शिक्षक सूर्यकांत के सहयोगी शिक्षक समरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि गरीबी के कारण उनकी स्थिति अच्छी नहीं थी. इस के कारण पहले से ही वह मानसिक रूप से परेशान था. वहीं, स्थानीय प्रशासन की ओर से बीएलओ के कार्य करने को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा था. वह बीएलओ का कार्य नहीं करना चाहते थे. इस मामले में शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि न्यायालय का सख्त निर्देश हैं कि किसी भी शिक्षक से शैक्षणिक कार्य के अलावे कोई भी कार्य नहीं कराना हैं. लेकिन इसके बावजूद सरकार के तरफ से अन्य कार्य लिए जाते हैं. अगर शिक्षक सूर्यकांत को अलग से कार्य करने का दबाव नहीं दिया जाता तो वह शायद आत्महत्या नहीं करता.

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