सारण:भारतीय रेलवेमें इन दिनों काफी तेजी से नए-नए बदलाव किए जा रहे है. लेकिन इसके साथ ही रेल कमर्चारियों और अधिकारियों के द्वारा निर्माण कार्य को लेकर काफी कोताही बरती जा रही है और इसमें गड़बड़ी (Scam In Chapra Kacheri Station Railway Colony repairing work) की बात भी सामने आई है. छपरा कचहरी स्टेशन की रेलवे कॉलोनी में मरम्मती और रंगाई पुताई के नाम पर लाखों रुपये के हेराफेरी की शिकायत स्थानीय लोगों ने की है. इस संबंध में डीआरएम (Divisional Railway Manager) वाराणसी को एक आवेदन भी दिया गया और जांच की मांग की गई.
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जर्जर हो गई है रेलवे कॉलोनीःलोगों का कहना है कि रेलवेकॉलोनी तो ठीक तरीके से बनी नहीं, लेकिन इसमें लाखों रुपये की बंदरबाट जरूर की गई. बताया जाता है कि कॉलोनी और भवन की कुछ बाहरी हिस्सों की मरम्मत नहीं करके सिर्फ जैसे-तैसे पेंटिंग कर दी गई. वहीं, कचहरी स्टेशन के बगल में पुराने भवन की मरम्मत में लगभग 15 लाख रुपये का बिल दिखाया गया. जबकि रेलवे कॉलोनी के क्वार्टर्स की हालत यह है कि किसी की छत गिर रही है, तो किसी का छज्जा.
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जांच में पाई गई गड़बड़ीःकचहरी स्टेशन की रेलवे कॉलोनी में मरम्मती को लेकर हुई गड़बड़ी के खिलाफ दिए गए आवेदन का जवाब वाराणसी के मंडल रेल प्रबंधक ने दिया है. उन्होंने कहा है कि उनके आदेश से वरिष्ठ मंडल इंजीनियर द्वितीय मनोज सिंह को जांच का कार्य सौंपा गया, जिसमें सूचना मिली है कि आईओडब्ल्यू उमेश सिंह ने सिर्फ स्टेशन के मरम्मत कार्य की जांच रिपोर्ट लगभग 3 लाख की दी गई है. बाकी कॉलोनी और भवन की मरम्मत के नाम पर लगभग 15 लाख रुपये की कोई चर्चा नहीं की गई. इस विषय में आईओडब्ल्यू के पास कोई जवाब नहीं है. इसके बाद मंडल रेल प्रबंधक ने इसकी पूरी जांच की बात कही है.
बता दें कि पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले छपरा कचहरी स्टेशन में कॉलोनी और भवनों के मरम्मत और पुताई के नाम पर 50 लाख की हेराफेरी की बात सामने आई है. सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि बिना मरम्मत किए हुए संवेदक ने अधिकारियों की मदद से अपना पेमेंट ले लिया. मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये की राशि का रेल मंत्रालय ने भुगतान भी कर दिया. हालांकि अब मंडल रेल प्रबंधक ने इसकी पूरी जांच कराने का आश्वासन दिया है.
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