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29 राज्य साइकिल से घूम आई है बिहार की ये बेटी, ऊंचे पर्वतों को भी कर चुकी है फतह - Savita mahto of Saran

सारण की बेटी सविता ने एक बार फिर देशभर में बिहार का नाम रौशन किया है. सविता ने 173 दिनों में 29 राज्यों का साइकिल से भ्रमण किया है. अब वह एवरेस्ट फतह करना चाहती हैं. पढे़ं खबर..

सारण की बेटी सविता
सारण की बेटी सविता

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Published : Nov 21, 2021, 8:14 PM IST

सारणःसविता महतो (Savita Mahto) ने साइकिल से पूरे देश की यात्रा करके कीर्तिमान बनाया है. छपरा की इस बेटी ने 173 दिनों में 29 राज्यों का साइकिल से भ्रमण कर एक बड़ा संदेश दिया है. यह यात्रा उन्होंने पिछले वर्ष की है. अब वह माउंट एवरेस्ट को 2022 में फतह करना चाहती है, लेकिन इसमें उन्हें आर्थिक परेशानी हो रही है.

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सविता ने इस समस्या को लेकर कला संस्कृति मंत्री आलोक रंजन से मदद मांगी है. जिसके बाद मंत्री ने भी मदद का भरोसा दिया है. पानापुर के चौहान महतो की पुत्री सविता ने जम्मू कश्मीर से यात्रा की शुरुआत की थी. यात्रा के क्रम में वह दक्षिण केरल, तमिलनाडु पहुंची. फिर उत्तर पूर्वी राज्यों में गई.

अंत में सिक्किम होते हुए 18 जुलाई 2017 को पटना पहुंची. रास्ते में सभी जगहों पर एक-एक दिन बिताया. इस अवधि में उन्होंने 12 हजार 500 किलोमीटर से अधिक का सफर साइकिल से तय किया. सविता ने बताया, 'जिस रास्ते से गुजरती थी, वहां के लोगों को बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने का संदेश देती थी. सविता ने कहा कि लोगों ने हमारे कामों की खूब सराहना की और स्वागत किया.

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सविता ने बताया कि इस अभियान में ग्रुप कमांडर ब्रिग्रेडियर रणविजय सिंह से बड़ी सहायता मिली. उन्होंने हमेशा आगे बढ़ने को प्रेरित किया. 'साइकिल यात्रा के दौरान लोग यह जानकर आश्चर्य चकित हो जाते थे कि मैं बिहार से हूं. उन्होंने कहा कि कि बिहारी होने पर मुझे गर्व है. बता दें कि इस उपलब्धि के लिए बिहार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के द्वारा उन्हें सम्मानित किया जा चुका है.

चौहान महतो और क्रांति देवी की पुत्री सविता अपने परिवार के साथ कोलकाता में रहती हैं. पिता तारकेश्वर में मछली बेच कर परिवार चलाते हैं, लेकिन सविता ने गरीबी के बीच रहकर भी बड़ा सपना देखा और उसे पूरा करने का साहस भी दिखाया. साइकिल यात्रा के दौरान स्कूल प्रबंधन भी उसकी मदद करता रहा है. सविता हिमालय के संतोपथ पर्वत पर जमीन से साढ़े सात हजार मीटर ऊंचाई पर तिरंगा फहरा चुकी हैं.

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