सारण:मध्याह्न भोजन योजना (MDM) के निवाले से जान गंवाने वाले नवसृजित विद्यालय के 23 बच्चों की बरसी 16 जुलाई को मनाई गई. आठ साल पहले 16 जुलाई 2013 को मशरक प्रखंड के धरमासती बाजार के पास गंडामन गांव (Gandaman Village) के सामुदायिक भवन में प्राथमिक विद्यालय (Primary School) चल रहा था. यहां मध्याह्न भोजन खाने (मिड डे मील) से 23 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी. जब यह घटना घटी थी तो लोगों ने आस लगा लिया था कि उनसे मिलने सीएम, मंत्री, नेता या कोई अधिकारी आएंगे, लेकिन कोई नहीं पहुंचा. पिछले साल तक तो बरसी में सरकारी अधिकारी शामिल होते थे. लेकिन इस बार आठवीं बरसी में कोई भी सरकारी अधिकारी नहीं पहुंचा.
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बच्चों की याद में गांव में स्मारक स्थल का निर्माण कराया गया है. आंगनबाड़ी केन्द्र में एक सुंदर सा पार्क भी बना है. प्रत्येक वर्ष 16 जुलाई को जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी आते थे. लेकिन इस बार कोई भी वरीय पदाधिकारी यहां नहीं पहुंचे. क्योंकि आज ही जिले के प्रभारी मंत्री सुमित सिंह का कार्यक्रम आयोजित है. श्रद्धाजंलि सभा में भाजपा जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा, पूर्व विधायक अशोक सिंह की पत्नी चांदनी देवी, भाजपा नेता उपेंद्र सिंह, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और पुष्पा सिंह जिला पार्षद उपस्थित थीं.
बता दें कि 16 जुलाई 2013 को प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे मासूम बच्चे खाना मिलने का इंतजार कर रहे थे. रसोइया ने एक बच्चे को स्कूल की प्रधान शिक्षिका मीना देवी के घर से सरसों तेल लाने को भेजा. सरसों तेल के डिब्बे के पास ही छिड़काव के लिए तैयार कीटनाशक रखा था. बच्चे ने तेल के बदले कीटनाशक का घोल लाकर दे दिया, जो बिल्कुल सरसों तेल जैसा ही था. रसोइया जब सोयाबीन तलने लगी तो उसमें से झाग निकलने लगा. उसने इसकी शिकायत एचएम मीना देवी से की. मीना देवी ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उसके बाद जब खाना बनकर तैयार हो गया और बच्चों को दिया गया तो बच्चों ने खाने का स्वाद खराब होने की शिकायत की थी.
जानकारी के मुताबिक बच्चों की शिकायत को नजरअंदाज करते हुए मीना देवी ने डांटकर भगा दिया था. कुछ देर बाद ही बच्चों को उल्टी और दस्त शुरू हो गई. इसके बाद देखते ही देखते 23 बच्चों ने दम तोड़ दिया. विद्यालय की रसोइया और 25 बच्चे पीएमसीएच में कठिन इलाज के बाद वापस गांव आ पाये थे.