सारण: बिहार के छपरा में जहरीली शराब (Bihar Hooch Tragedy) पीने की वजह से अब तक 75 लोगों की मौत हो चुकी है. इतनी बड़ी घटना पर सारण एसपी संतोष कुमार ने संबंधित इसुआपुर थाना (Isuapur police station ) के पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है. इसुआपुर थाना के एसएचओ, दारोगा, चौकीदार और दफादार को सस्पेंड कर दिया गया है. छपरा जहरीली शराब कांड पर पुलिस अधीक्षक द्वारा ये दूसरी बड़ी कार्रवाई है. इससे पहले मशरक के एसएचओ रितेश मिश्रा को निलंबित कर दिया गया था. जबकि इसी थाने के एक चौकीदार को भी सस्पेंड किया गया. मरहौरा डीएसपी के खिलाफ भी उन्होंने विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है.
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मौतों पर बिहार में सियासत जारी: बिहार में जहरीली शराब कांड को लेकर विपक्ष हमलावर है. विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेर रहा है. बीजेपी, आरएलजेपी और चिराग की पार्टी सीएम नीतीश के इस्तीफे की डिमांड कर रहीं हैं. विधानसभा में भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर जबरदस्त दबाव है. बता दें कि सारण एसपी संतोष कुमार ने पहली कार्रवाई 24 घंटे के अंदर की. जबकि दूसरी कार्रवाई करने में उन्हें 48 घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया. गौरतलब है कि मशरक और इसुआपुर थाना इलाके में कथित जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या ज्यादा है. विपक्षी पार्टी के नेता जहरीली शराब कांड की जांच और नीतीश सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन भी सौंप चुके हैं.
मशरक थाने से गायब हुई स्प्रिट को मानी जा रही वजह: आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जहरीली शराब कहीं और से नहीं आई बल्कि थाने से गायब हुई स्प्रिट है. इस बात की जानकारी अब राज्य सरकार तक पहुंच गई है और इसकी जांच भी की जा रही है. दरअसल, मशरक थाना में उत्पाद विभाग ने भारी मात्रा में कच्चा स्प्रिट जब्त कर उसे नष्ट करने के लिए रखा था, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इसे नष्ट करना भूल गए. जिसमें से भारी मात्रा में स्प्रिट गायब मिली है. मिली जानकारी के अनुसार कई ड्रमों के ढक्कन गायब थे और ड्रम से स्प्रिट गायब थी. ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि यह शराब थाने से ही गायब हुई है, जिससे लोगों की लगातार मौत हो रही है.
अब तक 75 की मौत..: संदिग्ध जहरीला पदार्थ पीने से अब तक 75 लोगों की मौत हो चुकी है. जिला प्रशासन की ओर से 67 मौतों की पुष्टि जहरीला पेय पीने की वजह से की गई है. सारण के मशरक थाना क्षेत्र, मढ़ौरा, इसुआपुर और अमनौर प्रखंड में ही ये मौतें ज्यादा हुईं हैं. मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, ये टीम पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी है. सारण जिला प्रशासन को अभी भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.